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भारत ने F-1 वीजा मुद्दा उठाया, अमेरिका बोला- इसके प्रभाव को कम करने की कोशिश करेंगे

संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत से कहा है कि वह छात्रों के सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखेगा और एफ -1 वीज़ा के बारे में नए नियम के प्रभाव को कम करने की कोशिश करेगा। इस मुद्दे को विदेश सचिव हर्षवर्धन...

भारत ने F-1 वीजा मुद्दा उठाया, अमेरिका बोला- इसके प्रभाव को कम करने की कोशिश करेंगे
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीWed, 08 Jul 2020 08:06 AM
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संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत से कहा है कि वह छात्रों के सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखेगा और एफ -1 वीज़ा के बारे में नए नियम के प्रभाव को कम करने की कोशिश करेगा। इस मुद्दे को विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और अमेरिका के राजनीतिक मामलों के विदेश मंत्री डेविड हेल के बीच विदेश कार्यालय की वर्चुअल मीटिंग के दौरान उठाया गया था।

ट्रम्प प्रशासन ने उन एफ -1 और एम -1 (गैर-शैक्षणिक और व्यावसायिक छात्रों) वीजा धारकों के लिए घोषणा की जो केवल ऑनलाइन कक्षाएं ले रहे हैं। उन्हें यू.एस. में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। एक सूत्र ने कहा, एफ -1 वीजा छात्रों का मुद्दा भारत-अमेरिका विदेश कार्यालय बातचीत के दौरान उठाया गया था। अमेरिकी पक्ष ने इस पर ध्यान दिया और कहा कि वे छात्रों के सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखेंगे और प्रभाव को कम करने की कोशिश करेंगे।

उन्होंने कहा कि विस्तृत कार्यान्वयन दिशानिर्देश अभी सामने नहीं आए हैं। अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (डीएचएस) के भीतर एक एजेंसी, ICE ने सोमवार को घोषणा की कि संयुक्त राज्य अमेरिका में कोर्स करने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्र जिनकी कोरोना के चलते ऑनलाइन क्लास हो रही हैं उनको देश छोड़ना होगा।

यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम एनफोर्समेंट ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका में वर्तमान में ऐसे कोर्स में नामांकित छात्रों को देश छोड़ना चाहिए या अन्य उपाय करने चाहिए, जैसे कि विधिवत स्थिति में रहने के लिए एक व्यक्ति के निर्देश के साथ एक स्कूल में स्थानांतरित करना। यदि नहीं, तो वे इमीग्रेशन इशू का सामना कर सकते हैं।

आईसीई ने कहा कि हम स्कूलों और / या कार्यक्रमों में नामांकित छात्रों के लिए वीजा जारी नहीं करेंगे जो सेमेस्टर के लिए पूरी तरह से ऑनलाइन क्लास कर रहे हैं और न ही यूएस सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा इन छात्रों को संयुक्त राज्य में प्रवेश करने की अनुमति देंगे। ICE के अनुसार FE-1 के छात्र एकेडमिक कोर्सवर्क और  M-1 स्टूडेंट वोकेशनल कोर्सवर्क कर रहे हैं। ऑनलाइन कक्षाओं की हाइब्रिड प्रणाली वाले विश्वविद्यालयों को यह दिखाना होगा कि विदेशी छात्र अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए जितना संभव हो उतने अधिककक्षाएं ले रहे हैं।

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