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भारत ने UNSC में बयान देने के पाकिस्तान के झूठे दावे पर संयुक्त राष्ट्र को लिखा पत्र

भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में आतंकवाद पर बयान देने के पाकिस्तान के झूठे दावे के बारे में संयुक्त राष्ट्र को औपचारिक रूप से पत्र लिखा है। यह बैठक परिषद के गैर-सदस्य राष्ट्रों के...

भारत ने UNSC में बयान देने के पाकिस्तान के झूठे दावे पर संयुक्त राष्ट्र को लिखा पत्र
लाइव हिंदुस्तान टीम, संयुक्त राष्ट्रThu, 27 Aug 2020 03:47 AM
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भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में आतंकवाद पर बयान देने के पाकिस्तान के झूठे दावे के बारे में संयुक्त राष्ट्र को औपचारिक रूप से पत्र लिखा है। यह बैठक परिषद के गैर-सदस्य राष्ट्रों के लिए खुली नहीं थी। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत ने दावा किया था कि सुरक्षा परिषद की बैठक में पड़ोसी देश ने बयान दिया है। इसके बाद भारत ने सोमवार (24 अगस्त) को पाकिस्तान की झूठ की फेहरिस्त का खुलासा किया।

भारत ने अब संयुक्त राष्ट्र को औपचारिक रूप से पत्र लिखा है और पाकिस्तान के इस झूठे दावे के बारे में बात रखी है कि उसने परिषद में बयान दिया है। भारत ने सोमवार को पाकिस्तान के दावे में कही गयी बातों को एक-एक करके मजबूती से खारिज किया था। पाकिस्तान के मिशन ने यह झूठा दावा किया कि संयुक्त राष्ट्र में उसके राजदूत मुनीर अकरम ने आतंकवादी गतिविधियों से अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को खतरों पर महासचिव की रिपोर्ट पर सुरक्षा परिषद में चर्चा के दौरान बयान दिया था।

हालांकि अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा पर खतरों को लेकर सुरक्षा परिषद की बैठक परिषद के गैर-सदस्य राष्ट्रों के लिए खुली नहीं थी। संयुक्त राष्ट्र में जर्मनी के मिशन ने बैठक की एक तस्वीर ट्वीट की जिसमें बैठक में केवल 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों के राजदूतों को देखा जा सकता है। पाकिस्तान सुरक्षा परिषद का सदस्य नहीं है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने कहा था, ''हमने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के मिशन का बयान देखा है जिसमें दावा किया गया है कि ये बयान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि ने दिए।"

भारतीय मिशन ने कहा, ''हम यह समझ नहीं पाए कि पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि ने वास्तव में अपना बयान कहां दिया क्योंकि आज सुरक्षा परिषद का सत्र गैर-सदस्य राष्ट्रों के लिए खुला नहीं था। पाकिस्तान के पांच बड़े झूठ का पर्दाफाश हो गया है।" पाकिस्तान के दशकों से सीमापार आतंकवाद के दावे को झूठ बताते हुए भारत ने कहा था, ''झूठ को सौ बार बोलने से वह सच नहीं हो जाता। भारत के खिलाफ सीमापार आतंकवाद का सबसे बड़ा प्रायोजक अब खुद को भारत द्वारा आतंकवाद का पीड़ित दिखाने का स्वांग रच रहा है।

अकरम के इस दावे पर कि पाकिस्तान ने क्षेत्र से अल-कायदा को खत्म कर दिया है, भारत ने कहा कि शायद पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि को यह नहीं पता कि ओसामा बिन-लादेन उनके खुद के देश में छिपा था और अमेरिकी बलों ने पाकिस्तान के अंदर उसे खोज निकाला था। ना ही उन्होंने अपने प्रधानमंत्री को ओसामा बिन-लादेन को शहीद कहते सुना है। पाकिस्तान के झूठ को पुरजोर तरीके से खारिज करते हुए भारत ने पड़ोसी देश के इस दावे को 'हास्यास्पद' करार दिया कि भारत ने उस पर हमले के लिए आतंकियों को किराए के टट्टुओं की तरह काम सौंपा है।

भारत ने कहा, ''जिस देश को सीमापार आतंकवाद के कर्ताधर्ता के रूप में जाना जाता है, जिसने अपनी गतिविधियों से दुनिया को पीड़ा पहुंचाई है, उस देश की ओर से इस तरह का दावा किया जाना मूर्खता से कम नहीं है।" भारत ने कहा कि पाकिस्तान में बड़ी संख्या में आतंकवादी हैं जिन्हें संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंधित किया है और इनमें से अनेक प्रतिबंधित आतंकी और संगठन पाकिस्तान में पूरी छूट के साथ गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने खुद पिछले साल संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के अंदर 40,000 से 50,000 आतंकियों के होने की बात कबूल की थी। अकरम के झूठे बयान में जम्मू कश्मीर का मुद्दा उठाये जाने के संदर्भ में भारत ने कहा कि पाकिस्तान भारत के आंतरिक मामलों के बारे में हास्यास्पद दावे करता है।

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