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उल्टा चोर कोतवाल को डांटे... ड्रैगन बोला- आर्थिक और सैन्य शक्ति में पीछे भारत सीमा पर चीन को क्यों भड़का रहा?

भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर महीनों से गतिरोध जारी है। चीनी सेना लगातार उकसावेपूर्ण हरकत कर रही है, जिसका भारतीय जवान मुंहतोड़ जवाब दे रहे। यह पूरी दुनिया को...

उल्टा चोर कोतवाल को डांटे... ड्रैगन बोला- आर्थिक और सैन्य शक्ति में पीछे भारत सीमा पर चीन को क्यों भड़का रहा?
लाइव हिन्दुस्तान, बीजिंगSun, 13 Sep 2020 03:37 PM
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भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर महीनों से गतिरोध जारी है। चीनी सेना लगातार उकसावेपूर्ण हरकत कर रही है, जिसका भारतीय जवान मुंहतोड़ जवाब दे रहे। यह पूरी दुनिया को मालूम है कि जिनपिंग की सेना भारतीय जवानों को उकसाने का काम कर रही है, लेकिन चीन है जो 'उल्टा चोर कोतवाल को डांटे' वाली हरकत कर रहा है। चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने एक लेख में उल्टा भारत पर ही सीमा पर उकसाने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही, चीन को भारत और अमेरिका की गाढ़ी दोस्ती भी रास नहीं आ रही है।

'ग्लोबल टाइम्स' ने अपने लेख की शुरुआत अपनी आदत के अनुरूप झूठे दावे करते हुए की है। उसमें लिखा गया है, 'जून में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद भारत ने ज्यादातर चीन के खिलाफ ही कार्रवाई की है। आर्थिक और सैन्य रूप में भारत चीन से पीछे है, लेकिन इसके बावजूद भी क्यों चीन को उकसाने का रिस्क ले रहा है?'

चीनी प्रोपेगैंडा मुखपत्र ने आगे बताया है कि भारत का मानना है कि चीन युद्ध शुरू करने या युद्ध को आगे बढ़ाने के लिए पहल करने को तैयान नहीं है। इसी वजह से भारत सीमा पर छोटे पैमाने पर उकसावे का काम कर रहा है। वहीं, नई दिल्ली को लगता है कि चीन बड़े स्तर पर सैन्य संघर्ष में शामिल नहीं होगा, इसलिए वह अपने दृढ़ संकल्प के बारे में अपनी बात रखने की हिम्मत करता है।

ग्लोबल टाइम्स ने लेख में एक और झूठा आरोप लगाते हुए कहा है कि भारत युद्ध शुरू करने की मुद्रा में है। लेकिन, सैन्य ताकत जुटाने के लिए महान संसाधनों की जरूरत होती है। भारत के लिए लंबे समय तक इसका बोझ असहनीय हो सकता है। भारत के हालिया उकसावे का संकेत हो सकता है कि वह अब इस तरह का बोझ नहीं उठा सकता है।

चीन को चुभ रही भारत-अमेरिका की दोस्ती

पिछले कुछ सालों में भारत और अमेरिका की दोस्ती लगातार बेहतर होती गई है और यह बात चीन को कई बार चुभती भी है। इसको लेकर चीन, कई बार भड़ास निकाल चुका है। ग्लोबल टाइम्स के इस लेख में भी चीन अमेरिका का जिक्र करने से नहीं चूका। लेख में कहा गया है कि भारत- चीन के रिश्ते तेजी से खराब हुए हैं। चीन और अमेरिका में, अमेरिका ताकतवर और भड़काने वाला पक्ष है, लेकिन चीन और भारत के बीच भारत कमजोर और भड़काने वाला पक्ष है। हालांकि, 'ख्याली पुलाव' पकाने में मस्त चीन भारत के हर जवाब को अच्छी तरह से जानता है और यह बखूबी समझता है कि भारत की ताकत पिछले कुछ दशकों में कितनी तेजी से बढ़ी है। इस लेख के जरिए चीन ने यह माना है कि भारत-अमेरिका के रिश्ते काफी अच्छे हैं। हालांकि, इसके बावजूद कुछ सवाल खड़े किए हैं। लेख में लिखा गया है, 'अमेरिका को भारत का प्रमुख समर्थक माना जाता है। दरअसल, अमेरिका भारत का साथ देकर इंडो-पैसिफिक रणनीति को बढ़ावा दे रहा है। इसी के चलते भारत चीन से अधिक मोलभाव कर रहा है। 

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