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क्या है 'फाइव आइज' देशों का संगठन, जो खालिस्तान पर चर्चा में आया; अमेरिका भी इसका मेंबर

फाइव आइज के दो सदस्य (अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया) भारत और जापान के साथ मिलकर बने क्वाड गठबंधन का भी हिस्सा हैं। खुफिया एजेंसियों के इस गठबंधन में पहले अमेरिका और ब्रिटेन ही शामिल थे।

क्या है 'फाइव आइज' देशों का संगठन, जो खालिस्तान पर चर्चा में आया; अमेरिका भी इसका मेंबर
Himanshu Jhaलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्ली।Fri, 22 Sep 2023 12:44 PM
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खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की जून में हत्या हो गई। कनाडा ने भारतीय एजेंटों पर इसकी हत्या के आरोप लगाए हैं। हालांकि, भारत ने इसे बेबूनियाद और मनगढंत बताया है। साथ ही कनाडा के प्रधानमंत्री को सबूत देने के लिए भी कहा है। इसके बाद से दोनों देशों के संबंधों में तल्खी देखने को मिल रही है। इस मुद्दे पर कनाडा को 'फाइव आइज' ग्रुप से समर्थन की उम्मीद है, जिसका सदस्य अमेरिका भी है। आपको बता दें कि हाल के कुछ वर्षों में भारत और अमेरिका के संबंध काफी मजबूत हुए हैं। ऐसे में कनाडा को इस राह पर कितनी सफलता मिलेगी, यह कहना मुश्किल है।

'द फाइव आइज' संयुक्त राज्य अमेरिका के अलावा यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा की खुफिया एजेंसियों का एक गठबंधन है। वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस महीने की शुरुआत में नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन से पहले इस गठबंधन के अधिकारियों ने निज्जर की हत्या को निजी तौर पर उठाया था। हालांकि, शिखर सम्मेलन से पहले सार्वजनिक रूप से इस हत्या का कोई उल्लेख नहीं किया गया और ना ही शिखर सम्मेलन के दौरान इसकी चर्चा हुई।

इस गठबंधन के सदस्य देशों ने कनाडा के आरोपों पर चिंता व्यक्त की है। कुछ देशों ने भारत से इसकी जांच में कनाडा के साथ सहयोग करने का आग्रह किया है। आपको बता दें कि फाइव आइज के दो सदस्य (अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया) भारत और जापान के साथ मिलकर बने क्वाड गठबंधन का भी हिस्सा हैं। खुफिया एजेंसियों के इस गठबंधन में पहले अमेरिका और ब्रिटेन ही शामिल थे। गठबंधन का दो बार विस्तार हुआ। 1956 तक कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड भी इसके सदस्य बन गए।

फाइव आइज के क्या हैं काम?
गठबंधन के एक चार्टर में कहा गया है, "यह माना जाता है कि फाइव आइज देशों की खुफिया एजेंसियां औपचारिक या अनौपचारिक समझौतों के तहत एक-दूसरे का सहयोग करती हैं। प्रत्येक देश में सूचना या आधिकारिक रहस्यों की सुरक्षा पर कानून की भिन्नता होती है। अधिकारियों को गोपनीयता के लिए बाध्य करती है। इस गठबंधन के सदस्य देश आपस में सूचना साझा करने और सहयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"

इन पांच देशों की विभिन्न एजेंसियां मानव खुफिया, सिग्नल इंटेलिजेंस, सुरक्षा खुफिया और रक्षा खुफिया जानकारी साझा करती हैं। सिग्नल इंटेलिजेंस का मतलब यहां मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट, रडार और हथियार प्रणालियों से प्राप्त जानकारी से है। सैटेलाइट से मिलने वाली जानकारी भी सदस्य देशों के बीच साझा की जाती है।

कनाडा के संसद में क्या बोले PM?
सोमवार को कनाडाई संसद में अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंटों के हाथ होने की बात कही थी। उनके आरोपों को गंभीर बताते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका ने कहा है कि वह हत्या की जांच के लिए कनाडा के प्रयासों का समर्थन करता है। उसने भारत से भी सहयोग करने का आग्रह किया है। वहीं, ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय अधिकारियों की कथित संलिप्तता की रिपोर्टों को चिंताजनक बताया है। उसने कहा है कि इस मामले पर भारत के साथ बात हुई है।

ब्रिटेन और न्यूजीलैंड का क्या है स्टैंड?
ब्रिटेन ने कहा है कि इन आरोपों को लेकर कनाडा के संपर्क में है, लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि उनका भारत के साथ व्यापार वार्ता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के एक प्रवक्ता ने कहा, "व्यापार वार्ता पर काम पहले की तरह जारी रहेगा। कनाडाई अधिकारी अब अपना काम करेंगे और मैं उन्हें टालने नहीं जा रहा हूं। भारत के साथ मौजूदा बातचीत के संबंध में हम इन्हें अन्य मुद्दों के साथ मिलाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं।''

न्यूजीलैंड ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी है। एनजेड हेराल्ड ने विदेश मंत्री नानाया महुता के हवाले से कहा, "अगर वे दावे सच साबित हुए, तो यह गंभीर चिंता का विषय होगा। मैं कनाडा में चल रही आपराधिक जांच पर आगे कोई टिप्पणी नहीं करूंगा।"

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