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पाकिस्तान में SCO के डिफेंस एक्सपर्ट की मीटिंग, भारत ने लिया हिस्सा

पाकिस्तान ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा और सुरक्षा विशेषज्ञों की इस्लामाबाद में दो दिवसीय बैठक का आयोजन किया। इसमें भारत और अन्य सदस्य राष्ट्रों ने शिरकत की। पाकिस्तानी फौज की मीडिया इकाई ने...

पाकिस्तान में SCO के डिफेंस एक्सपर्ट की मीटिंग, भारत ने लिया हिस्सा
भाषा,इस्लामाबादThu, 20 Feb 2020 10:25 PM
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पाकिस्तान ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा और सुरक्षा विशेषज्ञों की इस्लामाबाद में दो दिवसीय बैठक का आयोजन किया। इसमें भारत और अन्य सदस्य राष्ट्रों ने शिरकत की। पाकिस्तानी फौज की मीडिया इकाई ने बृहस्पतिवार (20 फरवरी) को कहा कि एससीओ की 9 वीं रक्षा और सुरक्षा विशेषज्ञ कार्य समूह की बैठक 19 और 20 फरवरी को हुई जिसमें एससीओ के सदस्य देशों और क्षेत्रीय सुरक्षा के बीच सहयोग के अलग अलग पहलुओं पर चर्चा की गई।

बयान में कहा गया है, “प्रतिभागियों ने संयुक्त प्रशिक्षण और सैन्य अभ्यास सहित पारस्परिक हित के महत्वपूर्ण मुद्दों पर जानकारी और राय का आदान-प्रदान किया।” बैठक में हिस्सा लेने वालों में पाकिस्तान के अलावा चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और भारत शामिल थे। इसके अलावा बेलारूस ने पर्यवेक्षक राष्ट्र के तौर पर बैठक में हिस्सा लिया।

भारत का बैठक में हिस्सा लेना इसलिए अहम है, क्योंकि हाल के सालों में भारत और पाकिस्तान के बीच के रिश्तों में काफी तनाव आया है। भारत की ओर से पिछले साल जम्मू कश्मीर को प्राप्त विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद दोनों मुल्कों के रिश्तों में और तनाव आ गया है। पहली बार, भारत इस साल के आखिर में शंघाई सहयोग संगठन के सरकार प्रमुखों की वार्षिक बैठक की मेजबानी करेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत में होने वाली बैठक में पाकिस्तानी की ओर से कौन हिस्सा लेगा।

पाकिस्तान को उम्मीद: कश्मीर पर मध्यस्थता की पेशकश पर ट्रंप उठाएंगे ठोस कदम

वहीं दूसरी ओर, पाकिस्तान ने गुरुवार (20 फरवरी) को उम्मीद जताई कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कश्मीर पर मध्यस्थता की अपनी पेशकश पर अगले हफ्ते अपनी भारत यात्रा के दौरान "कुछ ठोस व्यावहारिक कदम" उठाएंगे। ट्रंप 24 और 25 फरवरी को भारत की यात्रा करने वाले हैं। विदेश कार्यालय (एफओ) की प्रवक्ता आइशा फारूकी ने यहां साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में उम्मीद जताई कि मध्यस्थता के लिए राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा की गई पेशकश "कुछ ठोस व्यावहारिक कदमों के जरिए आगे बढ़ाई जाएगी।"

फारूकी ने ट्रंप की भारत यात्रा और कश्मीर के हालात के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि चार अमेरिकी सीनेटरों ने विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ को पत्र लिख कर उनका ध्यान कश्मीर की स्थिति की ओर आकर्षित किया।

नई दिल्ली का कहना है कि कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच किसी तीसरे पक्ष द्वारा मध्यस्थता किए जाने की कोई गुंजाइश नहीं है। फारूकी ने कहा कि यह सप्ताह 13 साल पहले समझौता एक्सप्रेस ट्रेन मामले की दुखद याद दिलाता है और उस आतंकवादी हमले के 68 पीड़ितों के परिवारों और प्रियजनों को अब भी न्याय का इंतजार है।

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