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भारत के खिलाफ नई खुराफात में जुटा चीन? बांग्लादेश-पाकिस्तान को क्यों साथ ला रहा ड्रैगन?

पाकिस्तान और नेपाल के कंधे पर बंदूक रखकर भारत विरोधी एजेंडे को बढ़ाने वाला चीन क्या नई खुराफात में जुट गया है? क्या पाकिस्तान और बांग्लादेश के रिश्तों पर दशकों पुराने बर्फ को चीन ही पिघला रहा है?...

भारत के खिलाफ नई खुराफात में जुटा चीन? बांग्लादेश-पाकिस्तान को क्यों साथ ला रहा ड्रैगन?
लाइव हिन्दुस्तान ,इस्लामाबादThu, 23 Jul 2020 04:16 PM
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पाकिस्तान और नेपाल के कंधे पर बंदूक रखकर भारत विरोधी एजेंडे को बढ़ाने वाला चीन क्या नई खुराफात में जुट गया है? क्या पाकिस्तान और बांग्लादेश के रिश्तों पर दशकों पुराने बर्फ को चीन ही पिघला रहा है? क्या चीन भारत के खिलाफ अपने मंसूबों को अंजाम देने के लिए बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच गठजोड़ कराना चाहता है? पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के बीच बुधवार को हुई बातचीत से ऐसे कई सवाल उठ खड़े हुए हैं और हाल के कुछ घटनाक्रम पर नजर डालें तो इनका जवाब 'हां' ही मिलेगा।

पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन ने इमरान-हसीना के बीच बातचीत को दुर्लभ करार देते हुए बताया है कि कैसे पाकिस्तान और बांग्लादेश नजदीक आ रहे हैं। अखबार ने इसमें लिखा है कि ढाका में चीन के बढ़ते प्रभाव की वजह से पाकिस्तान के साथ उसकी नजदीकी बढ़ी है। दोनों देशों के बीच रिश्तों में सुधार को लेकर जो कारण गिनाए गए हैं उनमें  भारत के संशोधित नागरिकता कानून का भी जिक्र किया गया है। 

चीन और दक्षिण एशिया की राजनीति पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों की मानें तो पाकिस्तान और बांग्लादेश की इस दोस्ती के पीछे ड्रैगन ही है। चीन पिछले कई सालों से भारत के पड़ोसी देशों को कर्ज और निवेश के जरिए अपना औपनिवेश बनाने में जुटा है। पाकिस्तान तो उसका सदाबहार दोस्त है ही, हाल ही में ड्रैगन ने नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे देशों को भी अपने एजेंडे में शामिल करने के लिए पूरा जोर लगा दिया है।

भारत के खिलाफ अपनी रणनीति के तहत उसने दक्षिण एशिया में पाकिस्तान को दूसरे देशों को भारत के खिलाफ माहौल बनाने का जिम्मा सौंपा है। हाल ही में जब नेपाल की केपी ओली सरकार ने भारत के खिलाफ नक्शा विवाद को बढ़ाया तो पाकिस्तान भी एक्टिव हो गया था। अब वह भारत की ओर से 1971 में मिले दर्द को भूलकर बांग्लादेश से हाथ मिलाने को तैयार हो गया है। 

डॉन के मुताबिक, दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच यह बात कई महीनों के प्रयास के बाद संभव हो पाई है। इस साल फरवरी में इमरान सिद्दकी को राजदूत नियुक्त किए जाने के बाद इस्लामाबाद ने ढाका के साथ दोस्ती बढ़ाने की पहल की। इस महीने सिद्दकी ने बांग्लादेश के विदेश मंत्री एक अब्दुल मोमेन से मुलाकात की थी। 

डॉन की रिपोर्ट में कहा गया है कि हसीना से कोविड-19 पर बातचीत के अलावा इमरान खान ने बांग्लादेश के साथ बेहतर रिश्ते की अपील की। इमरान ने पाकिस्तान के बांग्लादेश के साथ बेहतर रिश्तों के महत्व पर बात की। उन्होंने सार्क के प्रति पाकिस्तान की प्रतिबद्धता और क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया।

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