पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को जब देश को संबोधित किया तो उन्होंने राजनीति में भ्रष्टाचार और इसकी वजह से आम लोगों को होने वाली तकलीफें बताकर सहानुभूति बटोरने की पूरी कोशिश की। इमरान ने कहा कि राजनीतिक भ्रष्टाचार की वजह से ही पाकिस्तान आज इस हालत में है। इमरान ने कहा कि कभी पाकिस्तान की मिसाल दी जाती थी। उन्होंने यह भी कहा कि 80 के दशक में जब वह हिन्दुस्तान से खेलकर पाकिस्तान जाते थे तो लगता था कि गरीब मुल्क से अमीर मुल्क में आए हैं।
इमरान खान ने कहा कि राजनीति से भ्रष्टाचार खत्म करना ही उनका मकसद है और इसलिए बहुत सोहरत और पैसा होने के बाद भी वह राजनीति में आए। इमरान खान ने कहा, ''मेरे माता-पिता एक गुलाम हिन्दुस्तान में पैदा हुए। मैं पहला पाकिस्तानी जेनरेशन था जो आजाद मुल्क में पैदा हुआ था। हमें अपने मुल्क पर बहुत फक्र था, जैसे हमारा मुल्क उठता जा रहा था। 50-55 साल पहले पाकिस्तान की मिसाल दी जाती थी दुनिया में। पाकिस्तान का दुनिया में रुतबा था। हमारा जब राष्ट्रपति गया तो अमेरिकी राष्ट्रपति एयरपोर्ट पर लेने आया। हम ऊपर जा रहे थे।''
इमरान ने आगे कहा, ''धीरे-धीरे मैंने अपना मुल्क नीचे आते देखा। 1985 के बाद जब ताबाही मची, जब से करप्शन आसमान पर पहुंची, वो एक टर्निंग पॉइंट था। जिस वक्त राजनीति में पैसा चलना शुरू हुआ, हम देख रहे थे कि धीरे-धीरे पैसा... कोई राजनीति में क्यों आ रहा है तो पैसा बनाने के लिए। उससे पहले मैं हिन्दुस्तान पाकिस्तान का फर्क बताऊं। जब मैं क्रिकेट खेलकर हिन्दुस्तान से पाकिस्तान आता था तो लगता था गरीब मुल्क से अमीर मुल्क में आ गया हूं।''
मैंने बहुत मुल्क दूसरे देशों में गुजारा है, क्या फर्क है कि कोई मुल्क आगे चला जता है और कोई मुल्क पिछड़ जाता है। वह है शब्द है इंसाफ। ताकतवर और कमजोर कानून की नजर में एक होने चाहिए। यदि ताकतवर और कमजोर के लिए अलग-अलग कानून होता है तो ऐसे मुल्क तबाह हो जाते हैं। इमरान खान ने कहा कि देश की जेलों में बंद सभी चरों ने 2-3 अरब रुपए की भी चोरी नहीं की होगी, लेकिन प्रधानमंत्री की पद पर बैठा व्यक्ति अकेले ही अरबों की चोरी कर लेता है और इसकी कीमत जनता को चुकानी पड़ती है।
क्या है इमरान खान के दावे की हकीकत?
इमरान खान ने दावा किया कि 1985 तक भारत पाकिस्तान के मुकाबले गरीब मुल्क था। हालांकि, हकीकत इससे पूरी तरह अलग है। यह बात सच है कि आजादी के बाद लंबे समय तक दोनों देशों को गरीबी से लड़ने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा, लेकिन 1985 में दोनों देशों की जीडीपी की तुलना करें तो उस समय भी भारत पाकिस्तान से बहुत आगे थे। 1985 में पाकिस्तान की जीपीडी महज 31.14 अरब डॉलर की थी, जबकि भारत की जीडीपी 232.51 अरब डॉलर की थी। इमरान की यह बात जरूर सच है कि 90 के दशक के बाद पाकिस्तान और गर्त में चला गया, जबकि दूसरी तरफ भारत में आर्थिक तरक्की को नई गति मिली और दोनों देशों के बीच अब जमीन-आसमान का फर्क आ चुका है।