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भारी विरोध प्रदर्शनों के बीच इमरान खान की नापाक हरकत, गिलगित-बाल्टिस्तान को दिया अस्थायी प्रांत का दर्जा

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को गिलगित-बाल्टिस्तान को अस्थायी प्रांत का दर्जा देने का ऐलान किया है। उन्होंने यह घोषणा उस दौरान की, जब गिलगित-बाल्टिस्तान में लोग इमरान सरकार के इस कदम...

भारी विरोध प्रदर्शनों के बीच इमरान खान की नापाक हरकत, गिलगित-बाल्टिस्तान को दिया अस्थायी प्रांत का दर्जा
लाइव हिन्दुस्तान,इस्लामाबादSun, 01 Nov 2020 02:54 PM
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को गिलगित-बाल्टिस्तान को अस्थायी प्रांत का दर्जा देने का ऐलान किया है। उन्होंने यह घोषणा उस दौरान की, जब गिलगित-बाल्टिस्तान में लोग इमरान सरकार के इस कदम का विरोध करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं। इमरान खान ने अस्थायी प्रांत का ऐलान करते हुए कहा, ''मेरे गिलगित-बाल्टिस्तान आने के पीछे की वजहों में से एक यह ऐलान करना है कि हमने गिलगित-बाल्टिस्तान को अस्थायी प्रांत बनाने का निर्णय किया है।'' पाकिस्तान का ऐलान सऊदी अरब के उस कदम के बाद आया है, जब हाल ही में उन्होंने पाकिस्तान के मैप से गिलगित-बाल्टिस्तान को हटा दिया था।

बीते लंबे समय से पाकिस्तान की इमरान सरकार के खिलाफ गिलगिल-बाल्टिस्तान के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन होते रहे हैं। लोग इमरान सरकार का जमकर विरोध करते हैं। ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तानी सरकार के इस फैसले के बाद स्थानीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन और बड़े स्तर पर भड़क सकते हैं।

इससे पहले, 8 अक्टूबर को पीओके के मुजफ्फराबाद शहर में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट और स्टूडेंट लिबरेशन फ्रंट ने सरकार के गिलगिल-बाल्टिस्तान के संभावित फैसले के खिलाफ जमकर विरोध किया था। इस दौरान, इमरान खान के खिलाफ खूब नारेबाजी भी हुई थी।

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वहीं, पॉलिटिकल एक्टिविस्ट्स का कहना है कि वे बलिदान देने को तैयार हैं, लेकिन पाकिस्तान को क्षेत्र की स्थिति में बदलाव नहीं करने देंगे। गिलगित-बाल्टिस्तान के वे लोग, जो दूसरे शहरों में रह रहे हैं, उन्होंने भी इस्लामबाद के फैसले के खिलाफ सड़क पर उतरने का फैसला लिया है।

बता दें कि गिलगित- बाल्टिस्तान, जिसे पहले उत्तरी क्षेत्रों के रूप में जाना जाता था, उसे 'गिलगित-बाल्टिस्तान सशक्तीकरण और 2009 के स्व-शासन आदेश' द्वारा शासित किया गया है। इस क्षेत्र में चुनाव उस आदेश के तहत हुए हैं जो केवल सीमित स्वायत्तता प्रदान करता है। वहां रहने वाले लोग पाकिस्तान पर क्षेत्र के रिसोर्स का फायदा उठाने और दोहन करने का आरोप लगाते रहे हैं। वहीं, भारत भी पाकिस्तान के इस कदम का विरोध करता आया है।

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