सारी गलतियां माफ करेंगे; कैसे लोन के लिए US के दबाव में झुका पाक और रूस को दिया धोखा
पाकिस्तान की ओर से यूक्रेन को चोरी-छिपे हथियार बेचे गए थे और उसके नतीजे के तौर पर ही उसे आईएमएफ की ओर से लोन मिल गया, जो लंबे समय से अटका हुआ था। The Intercept की एक रिपोर्ट में यह दावा दावा किया गया।

पाकिस्तान की ओर से यूक्रेन को चोरी-छिपे हथियार बेचे गए थे और उसके नतीजे के तौर पर ही उसे आईएमएफ की ओर से लोन मिल गया, जो लंबे समय से अटका हुआ था। The Intercept की एक रिपोर्ट में यह दावा दावा किया गया है। इस रिपोर्ट में सरकार के आंतरिक दस्तावेजों के आधार पर कहा गया है कि अमेरिका के साथ यह सीक्रेट डील हुई थी, जिसके बाद पाकिस्तान ने यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई कर दी। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका ने कहा था कि यदि पाकिस्तान इस डील पर आगे बढ़ता है तो अब तक की सारी गलतियों को माफ कर दिया जाएगा।
दरअसल फरवरी 2022 में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुआ था और तब तो इमरान खान खुद ही पुतिन से मिलने मॉस्को पहुंचे थे। युद्ध के बीच पाक के तत्कालीन पीएम इमरान खान के इस दौरे को रूस का समर्थन माना गया था। हालांकि दो ही महीने बाद इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया और वह सत्ता से बेदखल कर दिए गए। इमरान खान ने इसके बाद कई बार खुलकर कहा था कि अमेरिका के इशारे पर उन्हें सत्ता से हटाया गया है। इस डील में पाकिस्तान की सेना के भी शामिल होने का आरोप उन्होंने लगाया था।
तो इमरान खान का दावा सही था, अमेरिका पर ही था आरोप
इमरान खान के सत्ता से हटने के दो महीने बाद ही नए पीएम बने शहबाज शरीफ ने चुपचाप यूक्रेन को हथियार भिजवा दिए थे। रिपोर्ट के मुताबिक इसके बदले में कर्ज के बोझ में दबे पाकिस्तान को आईएमएफ से बेलआउट पैकेज दिला दिया गया था। अमेरिका की ओर से कहा गया था कि यदि इमरान खान को बेदखल कर दिया गया तो सब गलतियां माफ होंगी। बता दें कि इमरान खान के सत्ता से बेदखल होने के बाद पाकिस्तान की सरकार का स्टैंड यूक्रेन मसले पर अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के समर्थन का रहा है। इसी के बदले में उसे इनाम के तौर पर आईएमएफ का लोन मिल पाया।
पाकिस्तानी सेना के दस्तावेजों में हुआ खुलासा
Intercept के मुताबिक इसी साल एक अंदरुनी सूत्र ने पाकिस्तानी सेना के दस्तावेज उसे सौंपे हैं। इन दस्तावेजों से पता चलता है कि अमेरिका और पाकिस्तान के बीच हथियारों की सेल को लेकर डील हुई थी। इसके तहत 2022 की गर्मियों से 2023 फरवरी तक हथियार सेल की बात थी। यह हथियार डील ग्लोबल मिलिट्री प्रॉडक्ट्स के दखल से कराई गई थी।