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गूगल और फेसबुक कर रहे मानवाधिकारों का उल्लंघन, जानिए कैसे चलता है पूरा खेल

फेसबुक और गूगल जैसी सोशल मीडिया कंपनियों पर डाटा चोरी के आरोप लगातार लगते रहे हैं, लेकिन मानवाधिकार हनन का आरोप पहली बार लगा है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने हालिया रिपोर्ट ने इस पर नई बहस छेड़ दी है।...

गूगल और फेसबुक कर रहे मानवाधिकारों का उल्लंघन, जानिए कैसे चलता है पूरा खेल
एजेंसी,सैन फ्रांसिस्कोFri, 22 Nov 2019 05:23 AM
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फेसबुक और गूगल जैसी सोशल मीडिया कंपनियों पर डाटा चोरी के आरोप लगातार लगते रहे हैं, लेकिन मानवाधिकार हनन का आरोप पहली बार लगा है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने हालिया रिपोर्ट ने इस पर नई बहस छेड़ दी है। हालांकि, सोशल मीडिया कंपनियों ने इस पर सफाई दी है कि वे निजी डाटा नहीं बेचते हैं। उनका कारोबारी मॉडल विज्ञापन बेचने पर आधारित है। 

फेसबुक की सफाई : फेसबुक के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी इस रिपोर्ट से असहमत है। हमारा व्यवसाय मॉडल एमनेस्टी इंटरनेशनल जैसे समूह हैं। जो फेसबुक पर विज्ञापन चलाते हैं। समर्थकों तक पहुंचते हैं, धन जुटाते हैं और अपने मिशन को आगे बढ़ाते हैं। साथ ही कहा कि यूजर खुद ही सेवा के लिए सहमति देते हैं। 

90% इंटरेनट सर्च पर गूगल का दबदबा
एमनेस्टी इंटरनेशनल के महासचिव कुमी नायडू ने कहा गूगल सर्च इंजन अब दुनिया भर में 90% खोज को नियंत्रित करता है, एक तिहाई यूजर्स रोज फेसबुक की सेवाओं का उपयोग करते हैं। 

ऐसे काम करती हैं कंपनियां
कंपनियां मुफ्त ऑनलाइन सेवाएं देने के नाम पर निजी जानकारी लेती हैं। आपके द्वारा पसंद सामग्री की व्यापक निगरानी की जाती है। फिर आंकड़ों को मोटी कीमत पर विज्ञापनदाताओं से साझा किया जाता है। 

सरकारों की भी है जिम्मेदारी
सरकारों का दायित्व है कि वे कंपनियों द्वारा मानवाधिकारों के हनन से लोगों की रक्षा करें। 

उदाहरण से समझिए पूरा खेल
आपको सरकार या पार्टी की कुछ नीतियों से समस्या हो सकती है, लेकिन उसकी रक्षा नीति पसंद हो। इससे जुड़े हुए पोस्ट को लाइक, शेयर करते हैं। पार्टी के प्रचार के तहत कंपनी आपको ऐसे पोस्ट दिखाएगी, लगेगा कि देश पर खतरा है। देश बचाने को इसी पार्टी या नेता को वोट दें। आपकी निजता का हनन होता है।

फेसबुक और गूगल उपयोगकर्ताओं के मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं। यह चौंकाने वाला दावा एमनेस्टी इंटरनेशनल ने किया है। एनजीओ ने रिपोर्ट में कहा है कि गूगल और फेसबुक के डाटा-कलेक्शन बिजनेस मॉडल खतरा हैं।

केस 1 : फेसबुक-कैंब्रिज एनालिटिका
अमेरिका में फेसबुक और गूगल पर 2016 के राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान मतदाताओं को प्रभावित करने के आरोप लगे। फेसबुक ने कैंब्रिज एनालिटिका को यूजर्स का डाटा बेचा या चुराया, जांच जारी है।

केस 2 : उबर टैक्सी
उबर ने 2017 में करीब 5.7 करोड़ यूजर्स के डाटा चोरी होने की बात कही थी। कंपनी को 2016 में कथित तौर पर सेंधमारी का अंदेशा हुआ था। दावे के अनुसार छह लाख चालकों का लाइसेंस नंबर भी चुरा लिया था। जानकार इसे डाटा बेचने का मामला मानते हैं। 

केस 3 : याहू सर्च
एक समय तक सबसे बड़े इंटरनेट सर्च इंजन रहे याहू ने 2017 में यह बात मानी थी कि 2013 के दौरान कंपनी के करीब तीन अरब खाताधारकों का डाटा चोरी हुआ था। और 2017 में यह संख्या बढ़कर तीन अरब तक पहुंच गई थी। कंपनी ने इसे हैकिंग का मामला बताया था।  

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