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एड्स से बचाने वाली वैक्सीन तैयार! ट्रायल में 100 फीसदी मिले नतीजे, ये रही पूरी रिपोर्ट

न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन में पूरी जानकारी दी गई। इस इंजेक्शन के जरिए साल में 2 बार दी जाने वाली एचआईवी-निवारक दवा से महिलाओं में 100 प्रतिशत रिजल्ट मिला है।

Niteesh Kumar एजेंसी, लंदनSat, 27 July 2024 01:13 PM
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दुनिया भर में एड्स के मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। वैज्ञानिकों ने HIV ठीक करने वाले इंजेक्शन का सफल ट्रायल किया है। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन में इसकी पूरी जानकारी दी गई। इसमें कहा गया कि इंजेक्शन के जरिए साल में 2 बार दी जाने वाली एचआईवी-निवारक दवा से महिलाओं में 100 प्रतिशत रिजल्ट मिला है। साथ ही, इसमें सुरक्षा संबंधी कोई चिंता भी नजर नहीं आई है। साल में दो बार इंजेक्शन के रूप में दी जाने वाली वैक्सीन का नाम लेनकापाविर है। इसे अमेरिका स्थित बायोफार्मास्युटिकल कंपनी जीलेड साइंसेज की ओर से प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस मेडिसिन के तौर पर डेवलप किया गया है। ये दवाएं उन लोगों में संक्रमण फैलने से रोकती हैं जो अभी तक रोग पैदा करने वाले वाहक के संपर्क में नहीं आए हैं।

कंपनी ने बयान में कहा कि अध्ययन में दक्षिण अफ्रीका और युगांडा की किशोर लड़कियों और युवा महिलाओं को शामिल किया गया। इसमें पता चला कि प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस लेनकापाविर ने शून्य HIV संक्रमण और 100 प्रतिशत असर दिखाया। एचआईवी या ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस संक्रमित व्यक्ति के बॉडी फ्लूइड से फैलता है। इलाज न किए जाने पर संक्रमण वर्षों में एड्स या एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम में बदल सकता है।

कुछ इस तरह पूरी हुई यह स्टडी
ट्रायल 1 में 5,338 प्रतिभागियों को शामिल किया गया, जो शुरू में एचआईवी-नेगेटिव थे। इन्हें तीन समूहों में बांट दिया गया। इनमें 2,134 को 26 सप्ताह के अंतर पर लेनकापाविर इंजेक्शन दिए गए। 2,136 को रोजाना गोली डेस्कोवी (एफ/टीएएफ) दी गई। 1,068 को प्रतिदिन गोली ट्रुवाडा (एफ/टीडीएफ) दी गई। दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन यूनिवर्सिटी के डेसमंड टूटू HIV सेंटर समेत रिसर्चर्स ने कुल 55 संक्रमण देखे। लेनकापाविर समूह में शून्य, डेसोवी समूह में 39 और ट्रुवाडा समूह में 16 संक्रमण पाए गए। इस तरह अध्ययन के लेखकों ने बताया साल में 2 बार लेनकापाविर लेने वाले किसी भी प्रतिभागी को एचआईवी संक्रमण नहीं हुआ। 

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