H-1B वीजा : अमेरिका में रह रहे भारतीयों की बढ़ सकती है मुसीबत, ट्रंप ने दिया ये आदेश
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश के आव्रजन अधिकारियों को नया आदेश दिया है। अब वे उन वीजा आवेदनों को सीधे खारिज कर सकते हैं जिसके लिए जरूरी ‘प्रारंभिक साक्ष्य’जमा नहीं किए गए या फिर...
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश के आव्रजन अधिकारियों को नया आदेश दिया है। अब वे उन वीजा आवेदनों को सीधे खारिज कर सकते हैं जिसके लिए जरूरी ‘प्रारंभिक साक्ष्य’जमा नहीं किए गए या फिर वीजा लेने की योग्यता साबित नहीं की जा सकी। इस आदेश से अमरीका में एच-1बी वीजा पर रह रहे भारतीयों को वापस अपने देश लौटना पड़ सकता है। ट्रंप प्रशासन ने अधिकारियों को यह अधिकार दे दिया है कि वे कुछ परिस्थितियों में वीजा आवेदनों को सीधे खारिज कर सकें।
एच-1बी समेत तमाम वीजा आवेदकों को अब दस्तावेज जमा करने या अपनी योग्यता साबित करने का दूसरा मौका नहीं मिलेगा। जबकि पहले की पॉलिसी में वीजा आवेदनों की छंटनी करने वाले अमेरिकी अधिकारियों को किसी भी तरह पेच फंसने पर तब तक रिक्वेस्ट फॉर एविडेंसेज जारी करना पड़ता था जब तक कि यह संभावना खत्म नहीं हो जाए कि अतिरिक्त दस्तावेज या सूचनाओं से फंसा पेच सुलझ सकता है।
मसलन, एच-1बी पर अमेरिका में नौकरी कर रहे लोगों के आवेदन खारिज हो गए तो उन्हें वहां से डिपोर्ट भी होना पड़ सकता है। यूनाइटेड स्टेट्स सिटिजनशिप ऐंड इमिग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआईसी) ने कहा है कि पॉलिसी बदलने से फर्जी आवदेनों पर लगाम लगेगा। इमिग्रेशन एक्सपर्ट्स मानते हैं कि संशोधित नीति से अधिकारियों को तार्किक शक्तियां मिलेंगी जिसकी वजह से अप्रवासन प्रक्रिया ज्यादा जटिल हो सकती है।
नया फरमान :
13 जुलाई को यूएससीआईए ने अपनी नीति में नया बदलाव किया
11 सितंबर से प्राप्त तमाम आवेदनों पर नई व्यवस्था लागू होगी
नए आदेश में खास
-अमेरिकी आव्रजन अधिकारी वीजा आवेदन को सीधे खारिज कर सकेंगे
-प्रारंभिक साक्ष्य जमा न होने व वीजा लेने की योग्यता साबित न होने पर कार्रवाई होगी
-आवेदक को साक्ष्य जमा करने और योग्यता साबित करने का मौका नहीं मिलेगा
-वीजा आवेदन खारिज होने पर आवेदक को अमेरिका से निकालने का प्रावधान
-आवेदन खारिज होने पर अमेरिका में नौकरी करने वालों को भी निकाला जा सकेगा
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भारतीयों पर असर
ट्रंप प्रशासन की नई नीति लागू होने के बाद बड़ी संख्या में भारतीयों को अपने देश वापस लौटना पड़ सकता है। दरअसल, नई नीति में वीजा आवेदन खारिज होने पर आवेदक को अमरीका से निकालने का भी प्रावधान किया गया है। ऐसे में यदि किसी भारतीय का एच-1बी वीजा का आवेदन खारिज होता है तो उसे भारत वापस लौटना पड़ सकता है।
आवेदकों को पक्ष रखने का मौका नहीं
आव्रजन कानूनों पर विशेष पकड़ रखने वाली कंपनी फ्रैगोमेन ने कहा कि पहले अधिकारियों को आवेदकों को अपना पक्ष रखने के लिए और अधिक साक्ष्य जमा कराने का मौका देना पड़ता था। इसके बिना वे आवेदन खारिज नहीं कर सकते थे, लेकिन अब वे आवेदन को सीधे खारिज कर सकेंगे। संशोधित नीति में अधिकारियों को प्राथमिक साक्ष्य के अभाव भर से ही आवेदन खारिज करने का अधिकार मिल गया है।
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