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अमेरिका में अश्वेत की मौत पर बवाल, अन्य देशों तक फैली आंदोलन की आग

अमेरिका में अश्वेत व्यक्ति की पुलिस हिरासत में मौत पर हो रहे प्रदर्शनों की आंच कई देशों में फैल गई है। यूरोप में लंदन में अमेरिकी दूतावास के सामने जॉर्ज फ्लॉयड के प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता...

अमेरिका में अश्वेत की मौत पर बवाल, अन्य देशों तक फैली आंदोलन की आग
वॉशिंगटन, एजेंसीTue, 02 Jun 2020 06:17 AM
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अमेरिका में अश्वेत व्यक्ति की पुलिस हिरासत में मौत पर हो रहे प्रदर्शनों की आंच कई देशों में फैल गई है। यूरोप में लंदन में अमेरिकी दूतावास के सामने जॉर्ज फ्लॉयड के प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए सोमवार को भारी संख्या में लोग इकट्ठा हुए। लंदन की मेट्रोपॉलिटन पुलिस सेवा ने यह जानकारी दी। पुलिस ने ट्वीट किया, इस दौरान कुल 23 लोग गिरफ्तार किए गए। इसमें शामिल अधिकतर लोगों ने इस क्षेत्र को छोड़ दिया है। इसके अलावा हजारों लोग लंदन के ट्रेफलगर स्क्वॉयर में एकत्र हुए और प्रदर्शन किया।

वहीं, जर्मनी से भी शांतिपूर्ण आंदोलन के खबरें आई। बर्लिन में अमेरिकी दूतावास के सामने सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने रैली निकाली। उन्होंने हाथों में पोस्टर लिए थे जिन पर लिखा था-जॉर्ज फ्लॉयड के लिए न्याय, हमें मारना बंद करो और अब कौन।

न्यूजीलैंड में मार्च किया: न्यूजीलैंड के सबसे बड़े शहर ऑकलैंड में सोमवार को हजारों लोगों ने मार्च किया। अश्वेत पुरुषों और महिलाओं की पुलिस द्वारा हत्या के नए मामले के बाद अमेरिका में उपजी नागरिक अशांति को लेकर विश्व के कई लोगों के मन में बेचैनी थी। प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी वाणिज्य दूतावास तक मार्च किया और घुटनों पर बैठ गए। उनके हाथों में (मैं सांस नहीं ले पा रहा) और 'असल वायरस नस्लभेद है' जैसे नारों के पोस्टर थे। न्यूजीलैंड में ही सैकड़ों अन्य, कई स्थानों पर हो रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शन में शामिल हुए।

इसके अलावा ब्राजील में, सैकड़ों लोगों ने रियो डि जिनेरियो के कामगार श्रेणी मोहल्ले, फेवलस में प्रदर्शन किया। पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। कनाडा में नस्लभेद विरोध प्रदर्शन ने मांट्रियल पुलिस और कुछ प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प का रूप ले लिया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर मिर्ची स्प्रे एवं आंसू गैस छोड़ी।

ह्यूस्टन में अंतिम संस्कार : इस बीच ह्यूस्टन के मेयर सिलवेस्टर टर्नर ने शनिवार को बताया कि जॉर्ज फ्लॉयड का अंतिम संस्कार उनके गृहनगर ह्यूस्टन में किया जाएगा। पर यह नहीं बताया कि अंतिम संस्कार कब होगा।

चीन समेत कई देशों का निशाना: चीन समेत कई देशों ने घटनाक्रम की आलोचना की। चीन ने कहा कि अमेरिका का सबसे बड़ा वायरस नस्लभेद है। ईरान के सरकारी टीवी चैनल ने बार-बार अमेरिकी अशांति की तस्वीरें दिखाईं। रूस बोला कि अमेरिका में पूरी व्यवस्था में मानवाधिकार समस्याएं हैं। चीन में सरकार नियंत्रित मीडिया ने इन प्रदर्शनों को हांगकांग में सरकार विरोधी प्रदर्शनों पर अमेरिकी विचारों के चश्मे से देखा। उसने कहा है कि हांगकांग पर टिप्पणी करने से पहले अमेरिकी नेताओं को दो बार विचार करना चाहिए। उत्तर कोरिया के अखबार ने खबर दी कि प्रदर्शनकारियों ने एक अश्वेत नागरिक की श्वेत पुलिसकर्मी द्वारा 'अवैध एवं नृशंस हत्या' की 'कठोरता से निंदा' की है।

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