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सबसे गरीब देश से दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, UN में जयशंकर ने सुनाई भारत की ग्रोथ स्टोरी

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने न्यूयॉर्क में कहा कि 20वीं सदी के मध्य में भारत सबसे गरीब देसों में एक था लेकिन, आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर देश दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में खड़ा है।

सबसे गरीब देश से दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, UN में जयशंकर ने सुनाई भारत की ग्रोथ स्टोरी
Gaurav Kalaलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीSat, 24 Sep 2022 10:49 PM

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विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने न्यूयॉर्क में शनिवार को भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था पर अपनी बात रखी। जयशंकर ने कहा कि 18वीं सदी में भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की कुल अर्थव्यवस्था का लगभग एक चौथाई हिस्सा थी। इसके बाद 20वीं सदी के मध्य तक गुलामी के कारण भारत दुनिया के गरीब देशों में से एक बन गया, लेकिन आजादी के 75वें वर्ष में भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में आपके सामने गर्व से खड़ा है। इतना ही नहीं हम तेजी से आगे भी बढ़ रहे हैं। वर्ष 2047 तक विकसित देश बनने का लक्ष्य रखा है।

जयशंकर ने न्यूयॉर्क में आयोजित ‘भारत@75 : इंडिया-यूएन पार्टनरशिप इन एक्शन’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा विकास डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर इस तरह डिजाइन किया गया है कि कोई भी पीछे न रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हाल के दिनों में डिजिटल टेक्नोलॉजी ने खाद्य सुरक्षा तंत्र को सफलतापूर्वक उन्नत किया है। भारत में डिजिटल टेक्नोलॉजी की मदद से 80 करोड़ लोगों को खाद्य सुरक्षा के तहत राशन मुहैया कराया जा चुका है। 

उन्होंने कहा, भारत का 2047 तक एक विकसित देश बनने का लक्ष्य है। हमारा लक्ष्य अपने दूर-दराज के गांवों को भी डिजिटाइज करने का है। हम तेजी से इसपर काम भी कर रहे हैं। 300 बिलियन से अधिक के लाभ डिजिटल रूप से बांटे जा रहे हैं। भारत के विकास के बारे में उन्होंने कहा कि हमने दो बिलियन से अधिक टीके लगाए हैं।

भारत-संयुक्त राष्ट्र भागीदारी को दिखाते हुए उन्होंने कहा कि भारत पृथ्वी के उज्जवल भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के साथ अपनी साझेदारी को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमें संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों और उसके चार्टर पर पूरा भरोसा है। हमारे विचार में दुनिया आज एक परिवार है।

यूक्रेन संघर्ष हमारे समय की बड़ी चुनौती
जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन में संघर्ष ने खाद्य और ऊर्जा मुद्रास्फीति को बढ़ा दिया है। इसकी वजह से यह हमारे समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक बन गई है। उन्होंने कहा कि भारत ने अफगानिस्तान में लोगों को खाद्यान्न की आपूर्ति भी की है। उन्होंने कहा कि भारत एक उज्जवल भविष्य के लिए संयुक्त राष्ट्र के साथ साझेदारी को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमें संयुक्त राष्ट्र और बहुपक्षवाद में सुधार को लेकर पूर्ण विश्वास है। दुनिया एक परिवार है।

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