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ट्रंप को झटका: चार अमेरिकी राज्य पेरिस करार के साथ

अमेरिका के चार राज्यों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पेरिस जलवायु करार से हटने के फैसले से असहमति जताई है। ट्रंप के फैसले का कड़ा विरोध करते हुए इन राज्यों के गवर्नरों ने पेरिस करार के लक्ष्यों को...

ट्रंप को झटका: चार अमेरिकी राज्य पेरिस करार के साथ
एजेंसी,बोस्टनSat, 03 Jun 2017 09:54 PM
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अमेरिका के चार राज्यों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पेरिस जलवायु करार से हटने के फैसले से असहमति जताई है। ट्रंप के फैसले का कड़ा विरोध करते हुए इन राज्यों के गवर्नरों ने पेरिस करार के लक्ष्यों को हासिल करने की प्रतिबद्धता जताई है। इनमें से दो राज्य उसी रिपब्लिकन पार्टी के प्रतिनिधित्व वाले हैं, जिससे खुद ट्रंप आते हैं।

राष्ट्रपति ट्रंप पेरिस करार से अमेरिका के हटने की घोषणा कर चुके हैं। करीब 200 देशों की सहमति वाले इस करार का लक्ष्य धरती के बढ़ते तापमान को कम करना है। मैसाच्युसेट्स के रिपब्लिकन गवर्नर चार्ली बेकर ने शुक्रवार को कहा, मैंने वरमॉन्ट के रिपब्लिकन गवर्नर फिल स्कॉट और न्यूयॉर्क के डेमोक्रेटिक गवर्नर एंड्रयू क्युमो से बात करने के बाद जलवायु परिवर्तन से लड़ने में अन्य देशों के साथ भागीदार बनने का फैसला लिया।

बेकर ने बीते वर्ष के राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप का समर्थन नहीं किया था। उन्होंने ट्रंप के लिए वोट भी नहीं दिया था। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि पेरिस करार से अलग होने का ट्रंप का फैसला देश या दुनिया के लिए सही नहीं है। 

इससे पहले स्कॉट ने गुरुवार को कहा था कि वरमॉन्ट भी पेरिस करार का पालन करने के लिए अमेरिकी जलवायु गठबंधन में शामिल हो रहा है। इस गठबंधन के निर्माण की पहल कैलिफोर्निया, न्यूयॉर्क और वॉशिंगटन के डेमोक्रेटिक गवर्नरों ने की थी। 


ट्रंप के फैसले के बचाव में उतरा व्हाइट हाउस 

व्हाइट हाउस ने पेरिस जलवायु करार पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले का बचाव किया है। उसका कहना है कि इस समझौते में भारत और चीन जैसे देशों को ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के लिए उत्तरदायी नहीं बनाया गया है। पयार्वरणीय रक्षा एजेंसी (ईपीए) के प्रशासक स्कॉट प्रुएट ने व्हाइट हाउस में शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन सफाई दी। 

करार की खामियां गिनाईं
-भारत का 2500 अरब डॉलर की मदद मिलने तक कोई दायित्व नहीं है 
-चीन को वर्ष 2030 तक करार को लागू करने के लिए कदम नहीं उठाने हैं
-रूस ने अपने लक्ष्य के लिए 1990 को आधार बनाया है जिससे उसे और अधिक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन जारी रखने की अनुमति मिलती है। 

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