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पूर्व मंत्री का दावा, मुस्लिम होने की वजह से पद से हटाया गया

ब्रिटेन की कंजरवेटिव पार्टी मुश्किल दौर में है. प्रधानमंत्री जॉनसन की लॉकडाउन पार्टियों पर जांच चल रही है. अब एक पूर्व महिला मंत्री ने आरोप लगाया है कि इस्लाम में विश्वास रखने की वजह से उन्हें मंत्री...

पूर्व मंत्री का दावा, मुस्लिम होने की वजह से पद से हटाया गया
डॉयचे वेले,दिल्लीMon, 24 Jan 2022 09:00 PM
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ब्रिटेन की कंजरवेटिव पार्टी मुश्किल दौर में है. प्रधानमंत्री जॉनसन की लॉकडाउन पार्टियों पर जांच चल रही है. अब एक पूर्व महिला मंत्री ने आरोप लगाया है कि इस्लाम में विश्वास रखने की वजह से उन्हें मंत्री पद से हटाया गया.ब्रिटेन की पूर्व यातायात उप मंत्री नुसरत गनी ने दावा किया है कि मुसलमान होने की वजह से उन्हें साल 2020 में मंत्रीपद से हटाया गया था. कंजरवेटिव पार्टी की सांसद गनी का दावा है, "मुझे सरकारी व्हिप ने कहा था कि मेरा इस्लामिक रवैया बाकी सहयोगियों को असहज महसूस करा रहा है. ऐसी भी चिंता थी कि मैं पार्टी के प्रति वफादार नहीं थी और मैंने इस्लामोफोबिया (इस्लाम से भय) जैसे आरोपों से पार्टी को बचाने के लिए पर्याप्त काम नहीं किया" गनी ने कहा कि "मुझे ये बिल्कुल साफ हो गया था नंबर 10 (ब्रिटिश प्रधानमंत्री का दफ्तर- 10 डाउनिंग स्ट्रीट) और व्हिपों ने मेरी पृष्ठभूमि और आस्था की वजह से बाकियों के मुकाबले मेरे लिए वफादारी के ऊंचे पैमाने रखे थे" गनी के इस दावे से ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के लिए मुश्किलें और बढ़ गई हैं. कोविड नियमों के खिलाफ घर में पार्टियां आयोजित करने के लिए कड़ी आलोचना झेल रहे बोरिस जॉनसन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि गनी ने साल 2020 में प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी. प्रधानमंत्री ने आधिकारिक रुप से शिकायत करने के लिए कहा था.

लेकिन तब गनी ने शिकायत दर्ज नहीं कराई. इस पर गनी का कहना है कि प्रधानमंत्री ने कंजरवेटिव पार्टी की आंतरिक प्रक्रिया की मदद लेने की बात कही थी. गनी के मुताबिक, ये सरकार से जुड़ा मामला था, जिसे पार्टी के पास ले जाने का कोई तुक नहीं था. उन्होंने कहा, "मैं बस इतना चाहती थी कि इस मामले को उनकी सरकार गंभीरता से ले, सही तरह से जांच हो और सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी अन्य सहयोगी को ये ना सहना पड़े" पार्टी व्हिप का पक्ष सरकार के चीफ व्हिप मार्क स्पेंसर ने खुद पहचान जाहिर करते हुए बताया कि "सांसद नुसरत गनी ने मेरा ही जिक्र किया है. लेकिन उनके लगाए आरोप झूठे हैं और मानहानि करने वाले हैं. जो बातें नुसरत बोल रही हैं, वो मैंने कभी नहीं कही. ये निराशाजनक है कि जब इस बारे में गनी से बात हुई थी तो उन्होंने कंजरवेटिव पार्टी में आधिकारिक जांच के लिए मामला आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया था" कंजरवेटिव पार्टी ने एक बयान में कहा है कि वो किसी भी तरह के नस्लभेद या भेदभाव के खिलाफ हैं. गनी के समर्थन में कई मंत्री और नेता कंजरवेटिव पार्टी के कई सांसदों ने गनी का समर्थन किया है. इनमें शिक्षा मंत्री नदीम जहाबी ने कहा है कि मामले की विस्तृत जांच होनी चाहिए.

संसद की महिला एवं समता समिति की अध्यक्ष कैरोलिन नोक्स और स्वास्थ्य मंत्री साजिद जावेद भी गनी के समर्थन में हैं. गनी 2015 में वीलडन क्षेत्र से संसद के लिए चुनी गई थीं. 2018 में उन्हें उप मंत्री बनाया गया था. तब देश की प्रधानमंत्री थेरेसा मे थीं. उस वक्त कैबिनेट में यातायात मंत्री रहे क्रिस ग्रेलिंग ने गनी के चुने जाने को कंजरवेटिव पार्टी की सफलता बताया था. कहा था कि कंजरवेटिव पार्टी ऐसी पार्टी है जहां मौके मिलते हैं. लेकिन कुछ आलोचक पार्टी को प्रधानमंत्री जॉनसन के कार्यकाल में मुस्लिम-विरोधी पूर्वाग्रह रखने वाला बताते हैं. जॉनसन खुद 2018 में हिजाब के तुलना डाक के डिब्बे से कर चुके हैं. कंजरवेटिव पार्टी आपस में उलझी गनी से पहले कंजरवेटिव पार्टी के ही एक अन्य सांसद विलियम राग ने पार्टी व्हिपों पर सांसदों को सरकार का समर्थन करते रहने के लिए धमाकाने का आरोप लगाया है.

राग ने कहा कि वो इस मामले में जल्द ही पुलिस से मिलेंगे. बीते कुछ हफ्तों में कंजरवेटिव पार्टी की अंदरूनी दरारें खुलकर सामने आ चुकी हैं. कोविड के दौरान पार्टियां आयोजित करने के बाद कंजरवेटिव पार्टी के कुछ नेताओं ने जॉनसन से इस्तीफे की मांग की है. जॉनसन की पार्टियों की जांच के लिए एक वरिष्ठ नौकरशाह सू ग्रे को नियुक्त किया गया है. अगले हफ्ते तक इस जांच की रिपोर्ट आने की उम्मीद है. अगर इसमें कुछ भी जॉनसन के विरुद्ध पाया जाता है तो उनके इस्तीफे की मांग और तीखी हो सकती है. मामला यहां तक भी बढ़ सकता है कि जॉनसन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आ जाए और उन्हें पद छोड़ना पड़े. नुसरत गनी के मामले में जरूरी कार्रवाई करने भी जॉनसन के लिए चुनौती होगी. आरएस/ओएसजे (एएफपी, रॉयटर्स).

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