PAK में रोटी के पहले ही लाले, अब सामने नई चुनौती; पड़ोसी देश में खाली हो जाएगी खाने की प्लेट?
पाकिस्तान में हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। आर्थिक बदहाली, सियासी समस्याओं के साथ-साथ खाने-पीने की चीजों की जबर्दस्त किल्लत है। इस बीच शुक्रवार को यहां पर एक नई समस्या उभरकर सामने आई।
पाकिस्तान में हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। आर्थिक बदहाली, सियासी समस्याओं के साथ-साथ खाने-पीने की चीजों की जबर्दस्त किल्लत है। इस बीच शुक्रवार को यहां पर एक नई समस्या उभरकर सामने आई। यह समस्या है आटे की। असल में खाद्य विभाग यहां पर गेहूं की गैरकानूनी आवाजाही पर लगाम लगाने में लगी हुई है। इस कार्रवाई के चलते प्रांतीय सरकारों और आटा मिल मालिकों के बीच विवाद हो गया है। असल में कराची से गेहूं को प्रांत के आंतरिक हिस्सों में पहुंचाया जा रहा है। इससे आने वाले दिनों में यहां पर आटे के दाम बढ़ने के आसार हैं।
मंत्री ने किया इस तरह से बचाव
खाद्य मंत्री मुकेश कुमार चावला ने बयान दिया है कि यह कदम बहुत जरूरी था। इसके तहत तय किया जा रहा है कि किसी भी प्रांत में आटा मिल मालिक को उसके तय कोटे से ज्यादा गेहूं न मिले। यह तय कोटा 100 किलो के 6000 बैग्स का है। खाद्य मंत्री के मुताबिक यह कार्रवाई इसलिए शुरू की गई क्योंकि मिल मालिकों को कराची में गेहूं की आवाजाही पर प्रतिबंध के कारण शहर में गेहूं और आटे के संकट की आशंका थी। उन्होंने कहा कि प्रांतीय सरकार ने 2023-2024 के लिए 14 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा है। ऐसे में जमाखोरों द्वारा गेहूं के भंडारण पर कड़ी नजर रखना जरूरी हो गया था।
मिल मालिकों का यह आरोप
वहीं, मिल मालिकों का कहना है कि सिंध के अंदरूनी इलाकों से आने वाले गेहूं के ट्रकों को जब्त करने से आटे के दाम बढ़ सकते हैं। यहां पर आटे का दाम पहले ही 140 रुपए से 160 रुपए प्रति किलोग्राम के बीच बेचा जा रहा था। मिल मालिकों ने आरोप लगाया कि गेहूं मार्च से जब्त किया जा रहा था। खाद्य मंत्री चावला के अनुसार, प्रांत ने जमाखोरी को रोकने के लिए गेहूं के परिवहन पर बैन लगा दिया है। मंत्री ने डॉन अखबार को बताया कि गेहूं की खरीद पूरे जोरों पर है। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने यह भी कहा कि आटा मिलों ने पिछले साल बड़ी मात्रा में गेहूं छीन लिया था।
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