फिनलैंड समिटः रूस ने अमेरिकी चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं किया- पुतिन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच सोमवार को ऐतिहासिक शिखर वार्ता दो घंटे से ज्यादा देर तक चली। वार्ता के बाद ट्रंप और पुतिन ने संयुक्त प्रेसवार्ता की। रूस...
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच सोमवार को ऐतिहासिक शिखर वार्ता दो घंटे से ज्यादा देर तक चली। वार्ता के बाद ट्रंप और पुतिन ने संयुक्त प्रेसवार्ता की। रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि रूस ने अमेरिकी चुनाव प्रक्रिया में कभी भी हस्तक्षेप नहीं किया। वहीं, ट्रंप ने वार्ता को अच्छी शुरुआत बताया।
दोनों राष्ट्रपतियों के बीच ये मुलाकात फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी में स्थित राष्ट्रपति भवन में हुई। दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने बंद कमरे में मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान कमरे में इन दोनों के अलावा ट्रांसलेटर ही मौजूद था। संयुक्त प्रेस वार्ता में रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि रूस ने कभी भी अमेरिकी चुनावों में हस्तक्षेप नहीं किया। हालांकि, उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध के लिए वह चाहते थे कि ट्रंप राष्ट्रपति चुनाव जीतें। पुतिन ने कहा कि दुनिया की समस्याओं पर मजबूत तरीके से बात करने का समय आ गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि शीत युद्ध खत्म हो गया है।
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राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप पर ट्रंप ने कहा, हमने शानदार प्रचार किया और यही कारण है कि मैं राष्ट्रपति हूं। एक बार फिर इन आरोपों को सिरे से खारिज कर रहा हूं कि 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में हिलेरी क्लिंटन पर जीत में रूसी हैकिंग और दुष्प्रचार ने मदद पहुंचाई थी। उन्होंने वार्ता को खुली, सीधी और बहुत सकारात्मक बताया। ट्रंन ने कहा, हमारे संबंध अब से पहले कभी इतने खराब नहीं रहे थे, लेकिन यह करीब चार घंटे पहले बदल गया।
ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस के कथित हस्तक्षेप की जांच को अमेरिका के लिए एक त्रासदी बताया। उन्होंने कहा कि मुझे सच में लगता है कि दुनिया हमारे बीच अच्छे संबंध देखना चाहती है। हम दो बड़ी परमाणु शक्तियां हैं। दोनों नेताओं ने सीरिया, यूक्रेन से लेकर चीन और व्यापार शुल्क से लेकर अपने परमाणु आयुधों जैसे तमाम मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि रूस और अमेरिका को साथ मिलकर समस्याओं का समाधान करने की जरूरत है।
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वार्ता से पहले बेचैन थे अमेरिकी
पुतिन के साथ बैठक करने के ट्रंप के फैसले से अमेरिका में बहुत सारे लोग बेचैन, थे क्योंकि उन्हें चिंता थी कि ट्रंप पुतिन के साथ कोई बुरा सौदा न कर लें। अमेरिकी आलोचकों ने 2016 के अमेरिकी चुनावों में रूस के कथित हस्तक्षेप की जांच में 12 रूसी सैन्य एजेंटों को अभ्यारोपित किए जाने के बाद ट्रंप से हेलसिंकी शिखर वार्ता रद्द करने की भी मांग की थी, लेकिन ट्रंप नहीं माने और बैठक हुई।
थेरेसा मे ने रूस को
लंदन। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने सोमवार को संसद को बताया कि रूस का नेतृत्व कई मोर्चों पर पश्चिमी मूल्यों को कमजोर करने के लिए प्रतिबद्ध है। रूस ने ब्रिटेन के अंदर एक घातक रसायन का उपयोग किया, सीरियाई सरकार की रक्षा, ईरान के साथ समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि हम शिखर सम्मलेन का स्वागत करते हैं, लेकिन रूस के कार्यों में बदलाव देखना चाहते हैं।
ट्रंप बात करना चाहते हैं तो फोन करें : ईरान
तेहरान। ईरान ने सोमवार को कहा कि यदि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका को अंतरराष्ट्रीय समझौते से बाहर खींचने के बाद बातचीत करना चाहते हैं, तो तेहरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने के लिए उन्हें फोन करना होगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बहराम घासीमी ने कहा कि शायद किसी दिन वह तेहरान को बुलाएंगे और वार्ता के लिए पूछेगे। इसकी संभावना अधिक है। हालांकि, उन्होंने कहा कि यदि ट्रंप फोन करते हैं तो यह स्पष्ट नहीं है कि कोई जवाब देगा या नहीं, क्योंकि ईरान का शीर्ष नेतृत्व यूएस के साथ वार्ता को खारिज कर चुका है।
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