फैक्ट चेकर्स को शांति का नोबेल पुरस्कार देने की सिफारिश, जो बाइडेन के पहले भाषण का दिया हवाला
नॉर्व की सांसद त्रिने स्की ग्रांडे ने गुरुवार को एक बड़ा निर्णय लिया है। उन्होंने फैक्ट चेकर्स को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया है। ग्रांडे ने इंटरनेशनल फैक्ट चेकिंग नेटवर्क को शांति के...
नॉर्व की सांसद त्रिने स्की ग्रांडे ने गुरुवार को एक बड़ा निर्णय लिया है। उन्होंने फैक्ट चेकर्स को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया है। ग्रांडे ने इंटरनेशनल फैक्ट चेकिंग नेटवर्क को शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना है। इसकी जानकारी उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से दी। उन्होंने लिखा, 'हम ऐसे समय में रह रहे हैं जब झूठ से लड़ना काफी जरूरी है।' ऐसा पहली बार हुआ है जब शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए इस तरह का नामांकन आया हो।
बाइडेन के पहले भाषण का संदर्भ लिया
यह घोषणा करते हुए ग्रांडे ने जो बाइडेन के पहले भाषण का संदर्भ लिया। जिसमें वह कह रहे हैं कि हम ऐसे दौर में जी रहे हैं जहां झूठी जानकारियों से लड़ना जरूरी है। बता दें बुधवार को जो बाइडेन ने अमेरिका का राष्ट्रपति पद की शपथ ली। शपथ के बाद अपने भाषण में उन्होंने देश में हुए हिंसा का जिक्र करते हुए कहा था कि जनता और नेताओं की जिम्मेदारी है कि वो सत्य की रक्षा करें। वहीं इंटरनेशनल फैक्ट चेकिंग नेटवर्क के डायरेक्टर बेबर्स ऑर्सेक ने ट्वीट कर नोबेल शांति पुरस्कार नॉमिनेशन की जानकारी दी।
हालिया वर्षों में फैक्ट चेक साइटों का महत्व बढ़ गया
सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों की भरमार है। इनका उद्देश्य साधारण हंसी-मजाक करने से लेकर बड़ी हिंसा फैलाने तक कुछ भी हो सकता है। ये मैसेज केवल सरकार के लिए ही नहीं, बल्कि आम लोगों के लिए भी बड़ी मुसीबत साबित हो रहे हैं। इस तरह के मैसेज राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा हैं। यही वजह है कि फैक्ट चेकिंग वेबसाइट का चलन अब बढ़ गया है, जो ऐसी ही फर्जी खबरों या मैसेज की सच्चाई का खुलासा करती है।
ट्रंप ने सबसे ज्यादा गलत तथ्यों को फैलाया
भारत में भी फेक न्यूज या सोशल मीडिया के जरिए झूठ फैलाने का चलन पिछले 3-4 वर्षों में अतिशय बढ़ गया है। अपने को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश कहने वाला अमेरिका भी इसकी गिरफ्त से बचा नहीं है। वहां तो खुद पूर्व राष्ट्रपति पर ही झूठ या गलत जानकारी फैलाने के आरोप लगते रहे हैं। अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल में सबसे ज्यादा बार झूठ बोला है या लोगों को गलत जानकारी दी है। ट्रंप ने कोरोना महामारी से जुड़ी सबसे ज्यादा गलत खबरें फैलाई हैं।