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ट्रंप के चुनाव प्रचारकों पर लगा 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स के डाटा चुराने का आरोप, जांच शुरू

फेसबुक ने डोनाल्ड ट्रम्प को वर्ष 2०16 के राष्ट्रपति चुनाव में जीत में कथित मदद करने वाली प्रचारक डाटा फर्म 'कैम्ब्रिज ऐनलिटिकल' को निलंबित कर दिया है। न्यूयॉर्क टाइम्स और लंदन के ऑब्जर्वर के...

ट्रंप के चुनाव प्रचारकों पर लगा 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स के डाटा चुराने का आरोप, जांच शुरू
एजेंसी,सैन फ्रांसिस्कोMon, 19 Mar 2018 01:21 PM
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फेसबुक ने डोनाल्ड ट्रम्प को वर्ष 2०16 के राष्ट्रपति चुनाव में जीत में कथित मदद करने वाली प्रचारक डाटा फर्म 'कैम्ब्रिज ऐनलिटिकल' को निलंबित कर दिया है। न्यूयॉर्क टाइम्स और लंदन के ऑब्जर्वर के अनुसार इस फर्म ने 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स की निजी जानकारी चुराई थी और इस जानकारी को चुनाव के दौरान इस्तेमाल किया गया था।

बीबीसी के अनुसार फेसबुक के उप कानूनी सलाहकार पॉल ग्रेवाल ने अपने ब्लॉग में कहा कि ग्रेवाल ने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है और जांच पूरी होने तक निलंबन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर कानूनी कदम भी उठाया जा सकता है। ट्रम्प के चुनाव प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका को लेकर हाल ही में कैम्ब्रिज ऐनलिटिकल सुर्खियों में आया था। ट्रम्प के पूर्व सलाहकार स्टेव बननॉन इसके बोर्ड के निदेशक थे। माना जा रहा है कि इस एप की ब्रेजिक्ट जनमतसंग्रह के प्रचार में भी महत्वपूर्ण भूमिका है।

रिपोर्टों के अनुसार कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अलक्संड्र कोगन ने वर्ष 2०15 में एक 'पर्सनालिटी एप' बनाया था और उससे चुनाव को लेकर जनमानस के रूझान और पसंद नापसंद के बारे में व्यापक जानकारियां एकत्र की थी। उन्होंने बाद में डाटा को कैम्ब्रिज ऐनलिटिकल और उसकी मुख्य कंपनी स्ट्राटेजिक कम्युनिकेशंस समेत तीसरी पार्टी को बेच दिया था।

ग्रेवाल ने कहा, 'हमें जानकारी मिली थी कि कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कोगन ने वर्ष 2०13 में 'दिसयोरडिजिटललाइफ' नामक एप बनाया था और करीब दो लाख 70 हजार लोगों तक इससे पहुंच बनी थी। लोगों ने चुनाव से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर राय दी थी और अन्य लोगों का संपर्क सूत्र और पता मुहैया कराया था। प्रोफसर कोगन ने डाटा को डिलीट नहीं किया था और उसे बेच दिया था जो फेसबुक की नीतियों के खिलाफ है।

उन्होंने कहा, 'फेसबुक ने यह सूचना सामने आने पर डाटा को तुरंत डिलीट करने को कहा था। लेकिन डिलीट करने का आश्वासन देकर घपला करते हुए डाटा को बेच दिया गया जो ट्रंप की जीत में मददकार साबित हुआ।' ग्रेवाल ने कहा कि कंपनी के खिलाफ कानूनी कदम उठाये जा सकते हैं। इस मामले में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं आयी है।

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