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शरणार्थी समस्या से निपटने के लिए ट्रंप ने मानवीय सहायता पैकेज पर किया हस्ताक्षर

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका-मैक्सिको सीमा पर मध्य अमेरिका के शरणार्थियों की तादाद बढ़ने से निपटने के लिए सोमवार को 4.6 अरब डॉलर के सहायता पैकेज पर हस्ताक्षर किए। कई डेमोक्रेटिक सांसद और अधिक...

शरणार्थी समस्या से निपटने के लिए ट्रंप ने मानवीय सहायता पैकेज पर किया हस्ताक्षर
एजेंसी, वॉशिंगटनWed, 03 Jul 2019 01:14 AM
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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका-मैक्सिको सीमा पर मध्य अमेरिका के शरणार्थियों की तादाद बढ़ने से निपटने के लिए सोमवार को 4.6 अरब डॉलर के सहायता पैकेज पर हस्ताक्षर किए। कई डेमोक्रेटिक सांसद और अधिक सहायता पैकेज की उम्मीद कर रहे थे। वे अधिक सहायता राशि चाहते थे ताकि शिविरों में रुके शरणार्थियों को अच्छी सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें।

ट्रंप ने ओवल कार्यालय में विधेयक पर हस्ताक्षर किए। इस आपात कानून की जरुरत इसलिए पड़ी कि अमेरिका में शरण मांग रहे शरणार्थियों की अधिक संख्या से निपटा जा सके तथा अमेरिकी शरणार्थी शिविरों में उनकी स्थिति में सुधार लाया जा सकें। ये शरणार्थी ज्यादातर मध्य अमेरिकी देश होंडुरास और अल सल्वाडोर के हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ''यह हमारे खराब शरणार्थी कानूनों के कारण शुरू हुई जबरदस्त समस्या का मानवीय समाधान है।"

फलस्तीन शरणार्थियों की मदद के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी को 50 लाख डॉलर देगा भारत

वहीं दूसरी ओर, भारत ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) फलस्तीन शरणार्थी एजेंसी को 2019 में 50 लाख डॉलर देने का वादा किया है। यह एजेंसी पश्चिम एशिया में फलस्तीनी शरणार्थियों की मदद करती है। भारत ने एजेंसी की वित्तीय स्थिति पर चिंता जताई और एजेंसी के कार्यों के लिए राजकोषीय समर्थन सुनिश्चित करने का आह्वान किया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि के. नागराज नायडू ने कहा कि भारत सरकार ने यूएनआरडब्ल्यूए के बजट में अपने वार्षिक वित्तीय योगदान को चार गुना बढ़ा दिया है। 2016 में 12.5 लाख डॉलर से बढ़ाकर 2018 में 50 लाख डॉलर किया गया है।

नायडू ने कहा, "हमने 2019 में 50 लाख डॉलर का योगदान करने का वादा किया है। यह 2018 के योगदान के बराबर ही है।" वह पश्चिम एशिया में फलस्तीन शरणार्थियों के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) के स्वैच्छिक योगदान के लिए आयोजित महासभा एड हॉक कमेटी की बैठक में पिछले सप्ताह बोल रहे थे।

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