भारतीय अमेरिकी निक्की हेली ने कहा, चीन को एक खतरे के तौर पर देखते हैं डोनाल्ड ट्रंप
रिपब्लिकन नेता एवं भारतीय अमेरिकी निक्की हेली ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन को एक खतरे के रूप में देखते हैं और वह नवम्बर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप को पुन: निर्वाचित...
रिपब्लिकन नेता एवं भारतीय अमेरिकी निक्की हेली ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन को एक खतरे के रूप में देखते हैं और वह नवम्बर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप को पुन: निर्वाचित कराने के लिए कड़ी मेहनत करेंगी। अमेरिका भारत व्यवसाय परिषद (यूएसआईबीसी) द्वारा आयोजित वार्षिक 'भारत विचार शिखर सम्मेलन' को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए हेली ने बुधवार (22 जुलाई) को कहा कि चीन द्वारा अमेरिका के लिए पेश किया जा रहा खतरा नवम्बर के राष्ट्रपति चुनाव का एक प्रमुख मुद्दा होगा।
हेली ने दो दिवसीय कार्यक्रम के आखिरी सत्र में एक सवाल के जवाब में कहा, ''मुझे लगता है कि (चीन से सुरक्षा खतरा) एक मुद्दा (चुनावों में) होगा। मुझे लगता है कि आपके पास राष्ट्रपति ट्रंप हैं जो चीन को एक खतरे के रूप में देखते हैं।" हेली ने कहा, ''मेरा मानना है कि अपके पास जो बाइडेन (डेमोक्रेट के संभावित उम्मीदवार) भी हैं, जिनका कहना है कि चीन कोई समस्या नहीं है और जो चीन पर यात्रा प्रतिबंध के खिलाफ थे और जब वह ओबामा प्रशासन का हिस्सा थे तब भी उन्हें चीन कोई खतरा नहीं लग रहा था। इसलिए मुझे लगता है कि अगले चुनाव में यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा होने वाला है।"
हेली ने 2024 में उनके राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि अभी से उसके बारे में सोचना सही नहीं। इस शिखर सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने भी संबोधित किया था।
अमेरिका का ह्यूस्टन में चीन के वाणिज्य दूतावास को बंद करने का आदेश
दूसरी ओर, अमेरिका ने चीन को ह्यूस्टन में अपना वाणिज्य दूतावास बंद करने का आदेश दिया है जिससे दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच तनाव बढ़ गया है। देश में नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन के खिलाफ कड़े कदम उठाने के सिलसिले में यह नया कदम है। चीन ने बुधवार (22 जुलाई) को इस आदेश की निंदा करते हुए इसे अपमानजनक बताया और कहा कि अगर इस फैसले को वापस नहीं लिया गया, तो इसका कड़ा जवाब दिया जाएगा।
अमेरिका में चीन के छह वाणिज्य दूतावासों में से एक को बंद करने से तनाव बढ़ गया है। दोनों देशों के बीच न केवल कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर बल्कि व्यापार, मानवाधिकारों, हांगकांग और दक्षिण चीन सागर में चीन के दावे को लेकर भी तनाव चल रहा है। चीनी अधिकारियों, छात्रों और शोधकर्ताओं के खिलाफ ट्रंप प्रशासन के पहले उठाए गए कदमों में यात्रा प्रतिबंध, पंजीकरण आवश्यकताएं और अमेरिका में चीनी नागरिकों की मौजूदगी कम करने की मंशा वाले अन्य कदम भी शामिल हैं। ये कदम ऐसे समय में उठाए गए हैं जब ट्रंप ने अमेरिका में कोरोना वायरस फैलने के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया है।