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डोनाल्ड ट्रंप ने किम जोंग उन को की थी एयर फोर्स वन की सवारी की पेशकश

उत्तर कोरिया के तानाशाही शासक किम जोंग उन को अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एयरफोर्स-वन की सवारी की पोशकश की थी। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार यह दो साल पहल हनोई में हुए शिखर...

डोनाल्ड ट्रंप ने किम जोंग उन को की थी एयर फोर्स वन की सवारी की पेशकश
एजेंसी,वाशिंगटन।Mon, 22 Feb 2021 02:01 PM
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उत्तर कोरिया के तानाशाही शासक किम जोंग उन को अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एयरफोर्स-वन की सवारी की पोशकश की थी। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार यह दो साल पहल हनोई में हुए शिखर सम्मेलन के बाद की बात है। आपको बता दें कि दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच पहले काफी जुबानी जंग होती रही, लेकिन बाद में स्थिति बदली। ट्रंप अमेरिका से बाहर जाकर उनसे मुलाकात भी की। इस सियासी घटना ने सुर्खियां बटोरी।

बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री, "ट्रंप टेक ऑन द वर्ल्ड" के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति ने वियतनाम में 2019 के शिखर सम्मेलन के बाद किम जोंग उन को अपने एयरफोर्स वन में लिफ्ट देने की पेशकश की। इस पेशकश ने कई अनुभवी राजनयिकों को स्तब्ध कर दिया।

अगर किम जोंग उन ने प्रेसिडेंट ट्रंप का यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया होता, तो वह उत्तर कोरिया के नेता को अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक विमान में एंट्री मिलती और सुरक्षा मुद्दों को ध्यान में रखते हुए उत्तर कोरिया के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करता। हालांकि किम ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया।

ट्रंप की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के शीर्ष एशिया विशेषज्ञ मैथ्यू पोटिंगर ने बीबीसी को बताया, "राष्ट्रपति ट्रंप ने किम को एयर फोर्स वन पर लिफ्ट देने की पेशकश की।'' उन्होंने कहा, ''राष्ट्रपति ट्रंप को पता था कि किम चीन के माध्यम से हनोई में एक बहु-दिवसीय ट्रेन की सवारी कर पहुंचे थे। राष्ट्रपति ने कहा कि यदि आप चाहें तो मैं आपको दो घंटे में घर पहुंचा सकता हूं। लेकिन किम ने मना कर दिया।"

आपको बता दें कि 2018 में सिंगापुर में ट्रंप के साथ अपने पहले शिखर सम्मेलन के लिए, किम जोंग उन ने एयर चाइना की सवारी की थी। सिंगापुर शिखर सम्मेलन के दौरान, ट्रंप ने किम को अपनी कार के अंदर एक झलक दिखाई थी। प्रेसिडेंट की कार की कीमत 15 लाख अमेरिकी डॉलर है, जिसे "द बीस्ट" के नाम से भी जाना जाता है। 

लेकिन पिछले महीने किम ने कहा कि अमेरिका उनके परमाणु-सशस्त्र राष्ट्रों में सबसे बड़ा दुश्मन था। उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया के खिलाफ वाशिंगटन की नीति कभी नहीं बदलेगी चाहे जो भी सत्ता में हो। आपको बता दें कि उत्तर कोरिया के आधिकारिक मीडिया  ने जो बाइडेन को अभी तक अमेरिकी राष्ट्रपति के नाम से नहीं पुकारा है।

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