ट्रंप के कोरोना स्पेशल प्रोग्राम के चीफ बोले, साल के अंत तक तैयार हो जाएगी वायरस की वैक्सीन
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार (15 मई) को उम्मीद जताई कि इस साल के अंत तक या उससे कुछ समय बाद कोरोना वायरस का टीका बाजार में उपलब्ध हो सकता है। ट्रंप की ओर से वायरस के मामलों के लिए...

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार (15 मई) को उम्मीद जताई कि इस साल के अंत तक या उससे कुछ समय बाद कोरोना वायरस का टीका बाजार में उपलब्ध हो सकता है। ट्रंप की ओर से वायरस के मामलों के लिए प्रशासन में नियुक्त किए गए एक पूर्व दवा कार्यकारी मोनसेप स्लोई ने कहा कि हमारा प्रयास वर्ष 2020 के अंत तक टीका तैयार करने का है।
स्लाओई ने कहा कि उन्होंने कोरोना टीके के लिए किए जा रहे रिसर्च डाटा को देखा है जो उन्हें यकीन दिलाता है कि साल के आखिर तक वितरण के लिए वैक्सीन की लाखों खुराक तैयार हो जाएंगी। इसके साथ ही उन्होंने अपनी नियुक्ति पर व्हाइट हाउस ब्रीफिंग में यह भी कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साल के खत्म होने तक का जो लक्ष्य अपने पोस्ट में निर्धारित किया, वो वाकई बेहतरीन है।
राष्ट्रपति ने ब्रीफिंग में वैक्सीन बनने के लिए अपने साल के अंत के लक्ष्य को दोहराया और संकेत दिया कि यह पहले भी हो सकता है। व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में संवाददाताओं से उन्होंने कहा कि वर्ष के अंत से पहले कोरोना वायरस वैक्सीन के विकास को गति देने के लिए उच्च स्तर पर प्रयास शुरू कर दिए हैं।
इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि वह राज्यों को आर्थिक गतिविधियों को दोबारा शुरू करने के साथ ही इसे आगे बढ़ते हुए देखना चाहते हैं। उन्होंने ब्रीफिंग में कहा, "वैक्सीन और नो वैक्सीन, हम वापस लौट आएं हैं। हम प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं। कई मामलों में, हमारे पास टीके नहीं होते हैं और एक वायरस या फ्लू आता है और फिर हम इससे लड़ते हैं।"
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के कोविड-19 टीके के परीक्षण का बंदरों पर अच्छा असर दिखा
वहीं, ब्रिटेन की सबसे बड़े कोविड-19 टीका योजना के तहत बंदरों पर किए गए एक छोटे से अध्ययन में सकारात्मक परिणाम नजर आए हैं। इस टीके का परीक्षण फिलहाल ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी कर रही है। सीएचएडीऑक्स1 एनसीओवी-19 परीक्षणों में लगे अनुसंधानकर्ताओं ने कहा है कि टीके से 'रीसस मैकेक्यू' प्रजाति के बंदरों के प्रतिरोधी तंत्र द्वारा घातक वायरस के असर को रोके जाने के संकेत मिले हैं और इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव भी नहीं दिखा है।
अध्ययन के मुताबिक, टीके की एक खुराक फेफड़ों और उन अंगों को होने वाले नुकसान से बचा सकती है जिन पर वायरस गंभीर प्रभाव डाल सकता है। अध्ययन के लेखकों ने कहा “सीएचएडीऑक्स1 एनसीओवी-19 के साथ दिए गए एक टीके ने रीसस मैकेक्यू में प्रतिरोधी तंत्र ने द्रव एवं कोशिका संबंधी प्रतिक्रिया दर्शाइ है।”
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