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वांग यी के भारत दौरे के बाद तिब्बती अधिकारी ताइवान के राजदूत और भारतीय सांसदों से मिले, क्या है प्लान?

चीनी विदेश मंत्री वांग यी के भारत दौरे के बाद निर्वासित तिब्बती सरकार संसद की उपाध्यक्ष डोल्मा त्सेरिंग सहित कई तिब्बती अधिकारियों ने भारत में ताइवान के राजदूत और भारतीय सांसदों से मुलाकात की है।

वांग यी के भारत दौरे के बाद तिब्बती अधिकारी ताइवान के राजदूत और भारतीय सांसदों से मिले, क्या है प्लान?
लाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीFri, 08 Apr 2022 11:57 AM

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चीनी विदेश मंत्री वांग यी हाल ही में भारत दौरे पर आए थे। इस दौरे के बाद निर्वासित तिब्बती सरकार संसद की उपाध्यक्ष डोल्मा त्सेरिंग तेयखांग सहित कई तिब्बती अधिकारियों ने भारत में ताइवान के राजदूत से मुलाकात की है। इसके साथ ही तिब्बती अधिकारी भारत के कई सांसदों से भी बातचीत की है। 

तिब्बत की स्थिति गंभीर: डोल्मा त्सेरिंग तेयखांग

विऑन से बातचीत करते हुए डोल्मा ने बताया है कि इन बातचीत का प्रमुख मकसद तिब्बत में मानवाधिकारों की स्थिति और तिब्बत में संस्कृति और धर्म को खत्म किए जाने को लेकर था। हम चीनी कब्जे में हैं और यह एक गंभीर स्थिति है।

भारत के 35 सांसदों से मिले तिब्बती प्रतिनिधि

डोल्मा ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी के भारत दौरे को ड्रामा बताया है। चीनी कह रहे हैं कि हम बिजनेस करते हैं, बॉर्डर का बाद में देखेंगे। लेकिन जब तक बॉर्डर सुरक्षित नहीं रहेगा तब तक बातचीत कैसे हो सकता है। उन्होंने आगे बताया है कि हम भारत के 35 सांसदों से मिलकर उन्हें तिब्बत से जुड़े मसलों पर बातचीत की है। हमने ताइवान के राजदूत से भी बातचीत की और तिब्बत और ताइवान के के लोगों के बीच दोस्ती कैसे बढ़े, इसपर भी बातचीत की।

भारत को तिब्बत नीति बदलने की जरूरत?

डोल्मा ने कहा है कि तिब्बत आजाद देश रहा है। भारत और ब्रिटिश राज इसके गवाह हैं। चीन ने तिब्बत पर अवैध कब्जा किया हुआ है। भारत को तिब्बत नीति बदलने की जरूरत है। हम तिब्बती वास्तविक स्वायत्तता की मांग कर रहे हैं। हमें अपनी पहचान और सांस्कृतिक विरासत को संभालकर रखने की आजादी दी जाए।

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