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ICJ: ऐसे जीते भारत के दलवीर भंडारी, पीएम मोदी ने दिया सुषमा को श्रेय

70 वर्षीय दलवीर भंडारी को सोमवार को एक बार फिर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) के जज के रूप में चुना गया। इस दौड़ में ब्रिटेन के क्रिस्टोफर ग्रीनवुड शामिल थे।

Nikhilन्यूयॉर्क, लाइव हिन्दुस्तान टीम।Tue, 21 Nov 2017 12:53 PM

संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में सुरक्षा परिषद के सदस्य मतदान करते हुए

संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में सुरक्षा परिषद के सदस्य मतदान करते हुए1 / 3

70 वर्षीय दलवीर भंडारी को सोमवार को एक बार फिर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) के जज के रूप में चुना गया। इस दौड़ में ब्रिटेन के क्रिस्टोफर ग्रीनवुड शामिल थे। लेकिन, संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारतीय जज के पक्ष में बहुमत सामने आने के बाद ब्रिटेन ने अपने कदम पीछे खींचते हुए ग्रीनवुड की दावेदारी को वापस ले लिया और इसके बाद भंडारी इस पद पर दोबारा नियुक्त हुए।

ब्रिटेन हटा पीछे

ब्रिटेन के उम्मीदवार द्वारा नाम वापस लिया जाना सुरक्षा परिषद के लिए झटका है क्योंकि सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्यों और महासभा के सदस्यों में उम्मीदवारों को लेकर टक्कर थी। ग्रीनवुड को सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्यों का समर्थन हासिल था। इस पद पर चुनाव के लिए किसी भी उम्मीदवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद, दोनों चेंबर में बहुमत हासिल करना होता है। भंडारी ने दो बैठकों में पहले 11 दौर के मतदान में महासभा में बहुमत हासिल किया जबकि परिषद ने मतदान के 10 दौर में ग्रीनवुड का समर्थन कर भंडारी के राह में रोड़े अटकाए। एक राजनयिक ने कहा, “ब्रिटेन को आखिरकार बहुमत के आगे झुकना पड़ा। भारतीयों ने उन्हें झुका दिया।”

संयुक्त राष्ट्र आम महासभा में भंडारी को मिले 121 वोट

भंडारी को दूसरा मौका सिर्फ इसलिए मिला क्योंकि ब्रिटेन के उम्मीदवार को महासभा में बहुमत नहीं मिला। भंडारी को महासभा में उन देशों का समर्थन मिला जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को आज के समय के हिसाब से सही प्रतिनिधित्व वाला नहीं मानते और वे इसके वर्चस्व को चुनौती देने के लिए भंडारी के पक्ष में लामबंद हो गए। भंडारी को 13 नवंबर को हुए मतदान के आखिरी दौर में 121 वोट मिले। उन्हें 193 सदस्यीय महासभा में दो-तिहाई बहुमत से थोड़े ही कम वोट मिले, जबकि ग्रीनवुड को सुरक्षा परिषद में नौ वोट मिले।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने गुरुवार को भंडारी के लिए दिए गए भोज में 160 देशों के राजनयिकों की मौजूदगी के बाद कहा था, “रुख स्पष्ट है। जैसा कि 21वीं सदी में उम्मीद है कि जिस उम्मीदवार को महासभा में अत्यधिक सहयोग मिलेगा, सिर्फ वही उम्मीदवार वैध हो सकता है।”

नौ नवबंर को हुए मतदान के शुरुआती चार दौर में सलाम के साथ आईसीजे के तीन निवर्तमान जज फ्रांस के अध्यक्ष रॉनी इब्राहिम, सोमालिया के उपाध्यक्ष अब्दुलवाकी अहमद यूसुफ, ब्राजील के एंटोनियो अगस्तो कानकाडो त्रिनडाडे को भी निर्वाचित किया गया था। भंडारी और अन्य का कार्यकाल फरवरी 2018 से शुरू होगा।

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पीएम मोदी ने भंडारी की जीत का श्रेय सुषमा को दिया

पीएम मोदी ने भंडारी की जीत का श्रेय सुषमा को दिया2 / 3

पीएम नरेंद्र मोदी ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में भारतीय जज दलवीर भंडारी के फिर से चुने का श्रेय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और विदेश मंत्रालय को दिया। उन्होंने भारत में विश्वास और समर्थन के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों के प्रति कृतज्ञता जताई।

सत्तर वर्षीय भंडारी की जीत के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट किया है, वंदे मारतम-भारत ने अंतरराष्ट्रीय अदालत के लिए चुनाव जीता। जय हिन्द। इस जीत के बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन का खास तौर से जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा है, आईसीजे में बतौर जज दलवीर भंडारी के पुन:निवार्चन पर उन्हें बधाई। विदेश मंत्रालय की टीम द्वारा कड़ी मेहनत की गयी। संयुक्त राष्ट्र में हमारे स्थाई प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन खास तव्वजो के हकदार हैं। कांग्रेस ने भंडारी को बधाई देते हुए ट्वीट किया है, दलवीर भंडारी को अंतरराष्ट्रीय अदालत में पुन:निर्वाचन पर बधाई। भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत।  

राजनयिकों का कहना है कि ब्रिटेन ने पिछले सप्ताह ही संकेत दे दिए थे कि वह ग्रीनवुड की उम्मीदवारी वापस ले रहा है लेकिन सप्ताहांत में कुछ स्थाई सदस्य देशों द्वारा उनका समर्थन करने की वजह से तस्वीर थोड़ी बदली थी।
 

भारत की जीत

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परिषद के स्थाई सदस्यों में से एक का सदस्य पारंपरिक रूप से आईसीजे में जज होता है। इसे एक अधिकार जैसा मान लिया गया था लेकिन इस बार 193 सदस्यीय महासभा ने अपनी आवाज को पुरजोर तरीके से उठाया। संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष मिरोस्लाव लाजकैक और सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष सेबस्टियानो कार्डी को लिखे पत्रों में ब्रिटेन के स्थाई प्रतिनिधि मैथ्यू रायक्राफ्ट ने कहा कि उनका देश भारत और ब्रिटेन के बीच करीबी संबंधों को ध्यान में रखते हुए ग्रीनवुड की उम्मीदवारी वापस ले रहा है।

भंडारी का चुनाव भारत के लिए भाग्यशाली साबित हुआ क्योंकि वह आईसीजे में एशियाई सीट लेबनान के वकील से राजनयिक बने नवाज सलाम से हार गए थे। नवाज को संयुक्त राष्ट्र में इस्लामिक सहयोग संगठन से संबद्ध 55 सदस्य देशों का समर्थन हासिल था।