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Hindi News विदेशफिर शुरू हो जाएगा शीतयुद्ध, जर्मनी में मिसाइल तैनात करने पर भड़के पुतिन; अमेरिका को दी धमकी

फिर शुरू हो जाएगा शीतयुद्ध, जर्मनी में मिसाइल तैनात करने पर भड़के पुतिन; अमेरिका को दी धमकी

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि अगर अमेरिका जर्मनी में मिसाइल तैनात करने का प्रयास करता है तो फिर इधर से भी जवाब दिया जाएगा और फिर से शीतयुद्ध शुरू हो जाएगा।

फिर शुरू हो जाएगा शीतयुद्ध, जर्मनी में मिसाइल तैनात करने पर भड़के पुतिन; अमेरिका को दी धमकी
Ankit Ojhaएपी,मॉस्कोMon, 29 Jul 2024 09:36 AM
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जर्मनी में लॉन्ग रेंज की मिसाइल तैनात करने के अमेरिका के फैसले को लेकर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आपत्ति जाहिर करते हुए धमकी दी है। पुतिन ने कहा कि अगर अमेरिका ऐसा करता है तो वह इंटरमीडिएट रेंज के न्यूक्लियर हथियारों को बनाना शुरू कर देंगे। इसके अलावा पश्चिमी देशों को जद में रखने वाली मिसाइलों को तैनात कर दिया जाएगा। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को कहा कि जर्मनी में अमेरिका द्वारा लंबी दूरी की और हाइपरसोनिक मिसाइलों की तैनाती की योजना के जवाब में रूस नए हमलावर हथियार तैनात किए जाएंगे।

पुतिन ने कहा कि 2026 से ही एसएम-6, तोमाहॉक क्रूज मिसाइल और हाइपरसोनिक हथियारों को तैनात कर दिया जाएगा।  सेंट पीटर्सबर्ग में एक नौसैनिक परेड में पुतिन सैनिकों को संबोधित कर रहे थे।  अमेरिका ने इस महीने की शुरुआत में घोषणा की थी कि वह 2026 में हथियारों की तैनाती शुरू कर देगा ताकि फरवरी 2022 में यूक्रेन में मॉस्को के चौतरफा आक्रमण के बाद, उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) और यूरोपीय देशों की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि कर सके।

पुतिन ने कहा, "अगर अमेरिका ऐसी योजनाओं को लागू करता है तो हम अपने नौसेना के तटीय बलों की क्षमता बढ़ाने सहित मध्यम और कम दूरी की मिसाइल की तैनाती पर पहले से लगाए गए एकतरफा प्रतिबंध से खुद को मुक्त मानेंगे।' उन्होंने कहा कि मॉस्को द्वारा उपयुक्त हथियार प्रणालियों का विकास "अपने अंतिम चरण में है"।

वाशिंगटन और मॉस्को दोनों ने हाल के हफ्तों में मध्यम दूरी की मिसाइल तैनात करने में तत्परता का संकेत दिया है। इसपर 1987 की अमेरिका-सोवियत संधि के तहत दशकों से प्रतिबंध लगा हुआ था। अमेरिका ने 2019 में इस समझौते से खुद को अलग कर लिया था और मॉस्को पर मिसाइल परीक्षण करने का आरोप लगाया था, जो समझौते का उल्लंघन करता है। रूस ने इन आरोपों का खंडन किया है। पुतिन वर्षों से यूरोप में अमेरिकी मिसाइलों की तैनाती को मॉस्को की क्षमताओं को बाधित करने के उद्देश्य से एक आक्रामक कदम बताते रहे हैं। रूस और अमेरिका के राजनयिकों का कहना है कि दोनों देशों में संबंध अब 1962 से भी ज्यादा खराब हुए थे.