ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News विदेशहाथ पर हाथ धरे नहीं बैठी रहेगी हमारी सेना, पेलोसी की ताइवान यात्रा पर चीन ने फिर दी जंग की चेतावनी

हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठी रहेगी हमारी सेना, पेलोसी की ताइवान यात्रा पर चीन ने फिर दी जंग की चेतावनी

चीनी विदेश मंत्रालय ने नई चेतावनी जारी की है जिसमें चीनी सेना (पीएलए) का जिक्र किया गया है। ऐसी अटकलें हैं कि पेलोसी ताइवान का भी दौरा करेंगी। लेकिन इसका आधिकारिक तौर पर कोई जिक्र नहीं किया गया है।

हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठी रहेगी हमारी सेना, पेलोसी की ताइवान यात्रा पर चीन ने फिर दी जंग की चेतावनी
Amit Kumarसुतीर्थो पैट्रानोबिस,बीजिंगMon, 01 Aug 2022 03:34 PM
ऐप पर पढ़ें

चीन ने सोमवार को एक बार फिर से अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर नैंसी पेलोसी ताइवान जाती हैं तो उसकी सेना हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठी रहेगी। बता दें कि अमेरिकी संसद के निम्न सदन ‘हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव’ की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ताइवान का दौरा कर सकती हैं। चीन इस संभावित दौरे का कड़ा विरोध कर रहा है। चीन, ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और उसने पेलोसी की संभावित यात्रा को लेकर चेतावनी दी है।

इससे पहले पेलोसी ने चार एशियाई देशों की इस सप्ताह होने वाली अपनी यात्रा की रविवार को पुष्टि की थी। हालांकि, उन्होंने ताइवान यात्रा को लेकर कोई जिक्र नहीं किया है। वे मलेशिया, दक्षिण कोरिया और जापान सहित चार देशों के दौरे पर निकलीं और सोमवार को सिंगापुर में उतरीं। इसके बाद चीनी विदेश मंत्रालय ने नई चेतावनी जारी की है जिसमें चीनी सेना (पीएलए) का जिक्र किया गया है। ऐसी अटकलें हैं कि पेलोसी ताइवान का भी दौरा करेंगी। लेकिन इसका आधिकारिक तौर पर कोई जिक्र नहीं किया गया है। 

नियमित मंत्रालय ब्रीफिंग में बोलते हुए, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता, झाओ लिजियन ने कहा कि चीन अमेरिका को फिर से चेतावनी देना चाहेगा कि अगर अमेरिकी राजनयिक ताइवान का दौरा करती हैं तो "पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) कभी भी खामोश नहीं बैठेगी।" paper.cn. के मुताबिक, चीनी प्रवक्ता ने कहा, “चीन निश्चित रूप से अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए दृढ़ और मजबूत जवाबी कदम उठाएगा। अमेरिका को जो करना चाहिए कि वह यह कि एक-चीन सिद्धांत और तीन चीन-अमेरिका संयुक्त विज्ञप्तियों (अमेरिका-चीन समझौता) का पालन करे। ताइवान की स्वतंत्रता का समर्थन न करने के राष्ट्रपति जो बाइडन के वादे को पूरा करे अमेरिका।"

झाओ ने पेलोसी को अमेरिका की तीसरी सबसे बड़ी राजनीतिक हस्ती करार दिया। उन्होंने कहा कि पेलोसी की ताइवान की एक यात्रा "गंभीर राजनीतिक प्रभाव का कारण बनेगी।" उन्होंने कहा, “एक-चीन सिद्धांत ही ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता का कारण है। यह अमेरिका ही है जो ताइवान मुद्दे पर एक-चीन नीति को लगातार उल्लंघन और खोखला कर रहा है और गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी कर रहा है।” 

चीन ने ताइवान के नजदीक सैन्य अभ्यास करने की घोषणा की

इससे पहले चीन ने घोषणा की थी कि वह ताइवान के नजदीक अपने समुद्र तट पर शनिवार को सैन्य अभ्यास कर रहा है। एक अधिकारी ने सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ को बताया कि सत्तारूढ़ कम्युनिष्ट पार्टी की सैन्य इकाई पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) फुजियान सूबे में पिंगटन द्वीप के करीब सुबह आठ बजे से रात नौ बजे तक ‘लाइव फायर एक्सरसाइज’ कर रही है।

इस तरह के युद्धाभ्यास में आमतौर पर तोपों का इस्तेमाल होता है। हालांकि, चीन ने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या शनिवार के अभ्यास में मिसाइलों, लड़ाकू विमानों और अन्य हथियारों का इस्तेमाल हो सकता है। चीनी अधिकारी ने बताया कि समुद्री सुरक्षा प्रशासन ने जहाजों को इलाके में जाने से बचने की चेतावनी दी है।

पेलोसी अगर ताइवान की यात्रा करती हैं तो यह 1997 के बाद किसी शीर्ष अमेरिकी निर्वाचित प्रतिनिधि की इस द्वीपीय देश की पहली यात्रा होगी। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने बृहस्पतिवार को अपने अमेरिकी समकक्ष जो बाइडन से फोन पर हुई बातचीत में चीन के ताइवान से निपटने के मामले में किसी ‘विदेशी हस्तक्षेप’ को लेकर चेतावनी दी थी।

चीन ने कहा कि ताइवान को विदेश संबंध स्थापित करने का कोई अधिकार नहीं है। उसने कहा कि वह अमेरिकी नेता की यात्रा को दशकों से ताइवान की लगभग स्वतंत्र रही स्थिति को आधिकारिक बनाने के लिए प्रोत्साहन देने के कदम के तौर पर देखता है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें