कोरोना पर अपने ही बनाए जाल में फंसा चीन, देशभर में विरोध के बाद ह्यूमन राइट्स वॉच ने सरकार को दी नसीहत
कोविड-19 पाबंदियों के खिलाफ जारी ये विरोध प्रदर्शन चीन के कई शहरों में फैल गए हैं। इन प्रदर्शनों ने सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। लोगों में भारी नाराजगी देखने को मिली।
इस खबर को सुनें
चीन में कोरोना वायरस के मामलों पर लगाम लगाने के लिए बनी जीरो कोविड नीति ड्रैगन के लिए मुसीबत बन गई है। चीन की राजधानी बीजिंग समेत कई शहरों में जीरो कोविड नीति के खिलाफ में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। लोग सड़क पर उतर आए हैं और शी जिनपिंग सरकार से इस नीति को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन कारियों से पार पाने के लिए शहरों में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। इस बीच मंगलवार को ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) की ओर से भी चीन की जिनपिंग सरकार को नसीहत दी है।
ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) ने कहा है कि चीनी सरकार को कठोर जीरो कोविड प्रतिबंधों का शांतिपूर्ण विरोध करने और स्वतंत्रता और मानवाधिकारों का आह्वान करने के लिए लोगों के मौलिक अधिकारों का सम्मान करना चाहिए। न्यूयॉर्क स्थित ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा कि अधिकारियों को तुरंत सभी गलत तरीके से हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों को रिहा करना चाहिए और विरोध से जुड़ी जानकारियों की ऑनलाइन सेंसरशिप बंद करनी चाहिए।
देश में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के शासन की भी निंदा
पिछले सप्ताह के आखिरी में चीन के सबसे बड़े शहर और वित्तीय केंद्र शंघाई में हजारों लोगों ने सरकार की सख्त कोविड-19 उपायों का सार्वजनिक रूप से विरोध करना शुरू किया है। इसके साथ-साथ लोगों ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के शासन की भी निंदा की। देश भर के विश्वविद्यालय के छात्र प्रदर्शन करने के लिए अपने परिसरों में इकट्ठा हुए और उसी रात, वुहान, जहां पहली बार कोरोना का केस मिला था, चेंगदू, बीजिंग और अन्य बड़े शहरों में सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए।
विरोध प्रदर्शनों को न दबाने की हिदायत
ह्यूमन राइट्स वॉच में चीन के सीनियर रिसर्चर याकिउ वांग ने कहा, पूरे चीन में लोग अपने मानवाधिकारों की मांग के लिए असाधारण जोखिम उठा रहे हैं। चीनी अधिकारियों को विरोध प्रदर्शनों को दबाना नहीं चाहिए, बल्कि सभी को शांतिपूर्व अपने विचार व्यक्त करने की अनुमति देने चाहिए।
कोरोना प्रतिबंधों की वजह से गई 10 लोगों की जान?
पिछले हफ्ते चीन के उत्तर-पश्चिम में स्थित शिनजियांग क्षेत्र की राजधानी उरुमकी में एक अपार्टमेंट आग की घटना के बाद प्रदर्शन और तेज हो गया। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि कोरोना प्रतिबंधों के वजह से आग लगने के बाद भी लोगों को अपार्टमेंट से बाहर नहीं निकलते दिया। जिसकी वजह से 10 लोगों की जान चली गई। हालांकि, ह्यूमन राइट्स वॉच ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
