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कहीं नाराज न हो जाए भारत, राज्याभिषेक में कोहिनूर हीरे वाला ताज नहीं पहनेंगी ब्रिटिश क्वीन कैमिला?

क्वीन कंसोर्ट (कैमिला) को विवादास्पद कोहिनूर (Koh-i-Noor) हीरा जड़े ताज को पहनाए जाने की योजना थी। लेकिन इस योजना को 'राजनीतिक संवेदनशीलता' के कारण खत्म किया जा सकता है।

कहीं नाराज न हो जाए भारत, राज्याभिषेक में कोहिनूर हीरे वाला ताज नहीं पहनेंगी ब्रिटिश क्वीन कैमिला?
Amit Kumarलाइव हिन्दुस्तान,लंदनThu, 13 Oct 2022 05:04 PM
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महाराजा चार्ल्स तृतीय के राज्याभिषेक से पहले ब्रिटेन को चिंता सता रही है कि कहीं भारत नाराज न हो जाए। इस नाराजगी की वजह कोहिनूर हीरा बन सकता है। हालांकि ब्रिटेन ने भी बड़ी समझदारी दिखाते हुए इस 'विवाद' को टालने का प्रयत्न किया है। खबर है कि भारत और अन्य देशों को नाराज करने से बचने के लिए महाराजा चार्ल्स तृतीय की पत्नी कैमिला उनके राज्याभिषेक के समय दिवंगत महारानी का ताज नहीं पहनेंगी। क्योंकि इसमें विवादास्पद 105 कैरेट का कोहिनूर हीरा लगा है। गौरतलब है कि ब्रिटेन के महाराजा का राज्याभिषेक अगले साल छह मई को लंदन के वेस्टमिंस्टर एबे में होगा। बकिंघम पैलेस ने मंगलवार को यह घोषणा की। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के पिछले महीने निधन के बाद उनके पुत्र 73 वर्षीय चार्ल्स को ब्रिटेन का महाराजा घोषित किया गया था।

डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, क्वीन कंसोर्ट (कैमिला) को विवादास्पद कोहिनूर (Koh-i-Noor) हीरा जड़े ताज को पहनाए जाने की योजना थी। लेकिन इस योजना को 'राजनीतिक संवेदनशीलता' के कारण खत्म किया जा सकता है। खबर के अनुसार, काफी समय पहले ब्रिटेन के (भावी) राजा ने यह मुद्दा उठाया था कि जब उनका और उनकी पत्नी का राज्याभिषेक होगा तब पत्नी को दिवंगत महारानी का मुकुट पहनाकर क्वीन कंसोर्ट या पटरानी घोषित किया जाएगा। इस मुद्दे पर उस समय सहमति बन गई थी। बता दें कि पटरानी वह रानी होती जिसे राजा के साथ सिहासन पर बैठने का अधिकार होता है। ब्रिटेन के मामले में यह अधिकार महाराजा चार्ल्स तृतीय की पत्नी कैमिला को मिलने वाला है। 

मुकुट की बात करें तो इस बेशकीमती टुकड़े में 2,800 हीरे हैं, जिनमें 105 कैरेट का प्रसिद्ध कोह-ए-नूर हीरा भी है। यह दुनिया के सबसे बड़े कटे हुए हीरों में से एक है। अब मीडिया रिपोर्टों से पता चला है कि राज्याभिषेक के समय कैमिला को दिवंगत महारानी का ताज पहनाए जाने को लेकर ब्रिटेन में 'घबराहट' है। क्योंकि हीरे के स्वामित्व को लेकर भी विवाद जारी है। हीरे की उत्पत्ति भारत में हुई थी। लेकिन भारत के अलावा अन्य कई देशों द्वारा भी इस पर दावा किया जाता रहा है।

कोहिनूर को पहनना औपनिवेशिक अतीत की दर्दनाक यादें वापस लाता है: भारत 

डेली मेल ने अपनी रिपोर्ट में भारत की सत्ताधारी पार्टी के प्रवक्ता के हवाले से कहा कि कैमिला के ताज में विवादास्पद कोहिनूर हीरे का इस्तेमाल करने से ब्रिटिश उपनिवेशवाद की 'दर्दनाक यादें' वापस आ सकती हैं। विवादास्पद गहना अगले साल किंग चार्ल्स के राज्याभिषेक में प्रदर्शित होने के लिए तैयार है, जिसमें पटरानी कैमिला समारोह में दिवंगत क्वीन का ताज पहनने के लिए तैयार हैं।  

कैसे ब्रिटिश महारानी तक पहुंचा था कोहिनूर हीरा

विशाल हीरा भारत से उत्पन्न हुआ था और भारत के अंतिम सिख सम्राट द्वारा महारानी विक्टोरिया को दिया गया था। महारानी विक्टोरिया उस समय 10 वर्ष की थीं। लेकिन उपहार देने पर विवाद है और भारत सहित कम से कम तीन देशों में इसे वापस करने की मांग की जा रही है।

ब्रिटिश क्राउन में लगेगा कोई दूसरा हीरा

यह कीमती रत्न प्रसिद्ध क्राउन ज्वेल्स का हिस्सा है। अब खबर है कि कोहिनूर की जगह ब्रिटेन के ताज में कोई दूसरी हीरा लगाया जा सकता है। शाही सूत्रों ने जोर देकर कहा कि अभी तक कोई आधिकारिक निर्णय नहीं लिया गया है। हालांकि, भारत की सत्ताधारी पार्टी ने साफ कहा है कि राज्याभिषेक में कोहिनूर लगे ताज का इस्तेमाल 'कुछ भारतीयों को ब्रिटिश साम्राज्य के दिनों की याद दिला सकता है'।

तो भारत के लिए दर्दनाक यादें हो जाएंगी ताजा

द टेलीग्राफ से बात करते हुए एक भाजपा प्रवक्ता ने कहा, 'कैमिला के राज्याभिषेक और कोहिनूर लगे मुकुट के इस्तेमाल से औपनिवेशिक अतीत की दर्दनाक यादें ताजा हो जाएंगी। ज्यादातर भारतीयों को दमनकारी अतीत की बहुत कम याद है। भारतीयों की पांच से छह पीढ़ियों को पांच शताब्दियों से अधिक समय तक कई विदेशी हुक्मरानों का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा, 'हाल के अवसर, जैसे महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मृत्यु, नई रानी कैमिला का राज्याभिषेक और कोहिनूर का इस्तेमाल कुछ भारतीयों को भारत में ब्रिटिश साम्राज्य के दिनों में वापस ले जा सकता है।'

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