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लोगों को बताएंगे कश्मीरी पंडितों के 'नरसंहार' की कहानी, ब्रिटिश सांसद ने खाई कसम

उन्होंने आगे कहा कि ब्रिटेन और दुनिया के भीतर इस मामले की सच्चाई बताई जानी चाहिए। उन्होंने बीबीसी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ हाल ही में दिखाई गई डॉक्यूमेंट्री के बारे में भी बात की।

Amit Kumar एएनआई, लंदनSat, 28 Jan 2023 04:13 PM
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ब्रिटेन अपने लोगों को कश्मीरी पंडितों के "क्रूर नरसंहार" के बारे में शिक्षित करना जारी रखेगा। यह कसम ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने खाई है। हैरो ईस्ट के कंजर्वेटिव सांसद बॉब ब्लैकमैन ने शनिवार को कहा कि ब्रिटेन 1990 में हुए कश्मीरी पंडितों के क्रूर नरसंहार के बारे लोगों को बताना जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि इस क्रूर नरसंहार ने लोगों को अपने घरों से पलायन करने पर मजबूर कर दिया था।

कंजर्वेटिव सांसद ने ट्वीट कर लिखा, "मैं और अन्य गणमान्य व्यक्ति जब कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के 33 साल पूरे होने को याद कर रहे थे तब कमरा खचाखच भरा हुआ था। हम 1990 में हुए इस क्रूर नरसंहार और अपने घरों से इतने लोगों को पलायन के लिए मजबूर करने वाले अत्याचारों पर लोगों को शिक्षित करना जारी रखेंगे।"

"पंडितों को अभी न्याय मिलना बाकी है"

इससे पहले बुधवार, 25 जनवरी को, ब्रिटिश हिंदुओं के सर्वदलीय संसदीय समूह (एपीपीजी), कश्मीरी पंडित प्रवासी और सहयोगियों ने कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के 33 साल पूरे होने को याद किया। ब्लैकमैन 25 जनवरी को कश्मीर में हिंदुओं के नरसंहार के 33 साल पूरे होने के अवसर पर हाउस ऑफ कॉमन्स में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।

यह कार्यक्रम लंदन के हाउस ऑफ पार्लियामेंट में हुआ और इसकी मेजबानी ब्रिटिश हिन्दुओं के एपीपीजी समूह के सर्वदलीय संसदीय अध्यक्ष बॉब ब्लैकमैन ने की। कश्मीरी पंडितों के नरसंहार को याद करने के लिए एक अर्ली डे मोशन (ईडीएम) भी पेश किया गया, जिस पर क्रॉस-पार्टी सांसदों द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे। मोशन में लिखा था कि पंडितों को अभी न्याय मिलना बाकी है।

कश्मीर पर किया था पाक ने अटैक: ब्रिटिश सांसद

बॉब ब्लैकमैन ने एक बार फिर से भारत और कश्मीरी हिंदू समुदाय के लिए अपना समर्थन दोहराया। उन्होंने कहा कि यह कश्मीर पर पाकिस्तान का आक्रमण था जिसके कारण तत्कालीन महाराजा भारत में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि 26 अक्टूबर को बारामूला में 11,000 लोग आक्रमणकारियों द्वारा मारे गए। महाराजा हरि सिंह ने स्थिति को शांत करने और आक्रमण को दबाने के लिए भारत से सशस्त्र हस्तक्षेप का अनुरोध किया था। विलय पत्र पर हरि सिंह ने हस्ताक्षर किए और इस प्रकार जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय हो गया। भारतीय सेना ने 27 अक्टूबर को अपने सैनिकों को कश्मीर में एयरलिफ्ट किया और दो सप्ताह के भीतर आक्रमणकारियों को रोक दिया। नेशनल कांफ्रेंस ने भी पश्तूनों को खदेड़ने में भारतीय सेना का समर्थन किया था।

दुनिया को बताई जाए सच्चाई: ब्रिटिश सांसद

उन्होंने आगे कहा कि ब्रिटेन और दुनिया के भीतर इस मामले की सच्चाई बताई जानी चाहिए। उन्होंने बीबीसी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ हाल ही में दिखाई गई डॉक्यूमेंट्री के बारे में भी बात की। ब्रिटेन के सांसद ने बीबीसी की डॉक्टूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ को अपमानजनक और कट्टर कार्य बताया है। उन्होंने इसे एक और इसे "किसी के मान सम्मान को धक्का पहुंचाना" वाला बताया। 

इस कार्यक्रम में बोलते हुए, सांसद जोनाथन लॉर्ड, वोकिंग ने कहा कि जिस तरह हमें होलोकॉस्ट के बारे में कभी नहीं भूलना चाहिए, उसी तरह हमें इस नरसंहार को भी नहीं भूलना चाहिए। भारतीय उच्चायोग के प्रथम सचिव (राजनीतिक, प्रेस और सूचना) सर्वजीत सूदन ने कश्मीरी पंडितों की भावना को सलाम किया। उन्होंने आगे कहा कि लोगों के बलिदान को याद किया जाना चाहिए और उनकी कहानियों को सुना जाना चाहिए।

कार्यक्रम में पढ़ने के लिए सांसद थेरेसा विलियर्स ने अपना संदेश भेजा था। उन्होंने कहा, "दुनिया को कश्मीरी हिंदुओं के खिलाफ किए गए घोर अन्याय के बारे में बताया जाना चाहिए। 33 साल पहले इतने सारे लोगों को उनके घरों से भगा दिया गया था। मैं ऐसा करने के लिए प्रतिबद्ध हूं और मुझे खेद है कि मैं आज शाम आपके कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सका।"  

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