'जनता के टैक्स का पैसा यहां नहीं लगाएंगे', भारतीय राजनयिक को एक्स्ट्रा सिक्योरिटी कवर देने से बांग्लादेश का इनकार
बांग्लादेश सरकार का कहना है कि मौजूदा दौर में अतिरिक्त सुरक्षा मुहैया कराने की जरूरत नहीं है। यह देखा गया कि जिन राजनयिकों को अब तक यह सुविधा नहीं मिली थी वे भी इसकी मांग कर रहे थे।

बांग्लादेश ने भारत, अमेरिका, ब्रिटेन और सऊदी अरब के उच्चायुक्त को एक्सट्रा सिक्योरिटी कवर देने से इनकार कर दिया है। बांग्लादेशी सरकार ने अब तक इन देशों को मिल रही इस सुविधा को हटाने का फैसला लिया है। इसे लेकर यह वजह बताई गई कि वे उनके देश के करदाताओं के पैसे को अब इस तरह खर्च नहीं करने वाले हैं। मालूम हो कि राजदूतों को मिल रही यह सुविधा भारत के अलावा, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और सऊदी अरब के दूतों के पास थी। इसके तहत उन्हें शहर में कहीं भी जाने पर सिक्योरिटी गियर से लैस पुलिसकर्मी मुहैया कराए जाते थे, जो उनकी गाड़ी के साथ ही चलते थे।
दरअसल, 1 जुलाई 2016 को ढाका के एक पॉश होटल में आतंकी हमला हुआ था। इस अटैक में 20 लोग मारे गए थे, जिनमें एक भारतीय लड़की सहित 17 विदेशी शामिल थे। हमले में मारे गए ज्यादातर लोग जापान और इटली के नागरिक थे। इसे लेकर बांग्लादेश में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे थे। इसे देखते हुए ही बांग्लादेश की सरकार ने राजनयिकों की सुरक्षा कड़ी करने का फैसला लिया। इसी के तहत भारत, अमेरिका, ब्रिटेन और सऊदी अरब के उच्चायुक्तों को एक्सट्रा सिक्योरिटी कवर दिया जाने लगा।
एक्सट्रा सिक्योरिटी कवर वापस लेने की वजह
ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस के राजनयिक सुरक्षा विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने बुधवार को लिए गए फैसले के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिन राजदूतों और उचायुक्तों को अतिरिक्त सुरक्षा प्रोटोकॉल दिया जा रहा था, उसे वापस ले लिया गया है। हालांकि, यह बात ध्यान रखें कि उन्हें उतनी सिक्योरिटी अब भी दी जाएगी, जितनी कि दूसरे राजदूतों व राजनयिकों को दी जाती है। अधिकारी ने बताया कि पैरा-मिलिट्री की स्पेशल यूनिट को भुगतान करने पर वीआईपी सुरक्षा सेवा प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है।
बांग्लादेश सरकार का कहना है कि मौजूदा दौर में अतिरिक्त सुरक्षा मुहैया कराने की जरूरत नहीं है। सरकार की ओर से कहा गया कि जिन राजनयिकों को अब तक यह सुविधा नहीं मिली थी वे भी इसकी मांग कर रहे थे। इसलिए किसी भी देश के विदेशी राजदूत को अतिरिक्त सुरक्षा एस्कॉर्ट सर्विस नहीं देने का फैसला लिया गया। सरकार की ओर से साफ किया गया कि अगर किसी देश को अतिरिक्त सुरक्षा की जरूरत महसूस हुई तो यह सुविधा किराए पर दी जाएगी। एक सप्ताह पहले ही पत्र भेजकर इस फैसले की सूचना दूतावासों को दी जा चुकी है।