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नागरिकता संशोधन बिल राज्यसभा में पास होने पर बांग्लादेश ने कही ये बात

नागरिकता संशोधन बिल गुरुवार को राज्यसभा में भी पास हो गया। लोकसभा में ये बिल पहले ही पास हो चुका है। इसको लेकर जहां एक तरफ देश के पूर्वोत्तर हिस्से में भारी विरोध प्रदर्शन चल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ...

नागरिकता संशोधन बिल राज्यसभा में पास होने पर बांग्लादेश ने कही ये बात
लाइव हिन्दुस्तान,ढाका।Fri, 13 Dec 2019 05:33 AM
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नागरिकता संशोधन बिल गुरुवार को राज्यसभा में भी पास हो गया। लोकसभा में ये बिल पहले ही पास हो चुका है। इसको लेकर जहां एक तरफ देश के पूर्वोत्तर हिस्से में भारी विरोध प्रदर्शन चल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ से इसके पक्ष और विपक्ष में कई प्रतिक्रियाएं आ रही है।

बांग्लादेश ने कहा- नहीं पड़ेगा सीएबी से संबंधों पर असर

इस बीच नागरिकता संशोधन बिल पर बांग्लादेश ने कहा कि इसका दोनों देशों के संबंधों पर कोई असर नहीं होगा। बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉक्टर एके अब्दुल मोमेन ने कहा- “ऐसे कुछ ही देश हैं जहां पर बांग्लादेश की साम्प्रदायिक सौहार्द अच्छा है। अगर गृह मंत्री अमित शाह कुछ महीने बांग्लादेश में ठहरते हैं तो वे हमारे देश में शानदार भाईचारा देखेंगे।”

उन्होंने कहा- “वहां पर (भारत में) कई सारी समस्याएं हैं। वे उन चीजों को लेकर लड़ रहे हैं। उसका हमारे लिए कोई परेशानी वाली बात नहीं है। एक दोस्त देश होने के नाते हम यह उम्मीद करते हैं कि भारत ऐसा कुछ नहीं करेगा जिससे हमारा दोस्ताना संबंधों पर असर पड़ेगा।”

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राज्यसभा और लोकसभा में पास हुआ बिल

गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 बुधवार को राज्यसभा में पारित हो गया। यह विधेयक लोकसभा में पहले ही पारित हो चुका है। राज्यसभा में विधेयक के पक्ष में 125 जबकि विपक्ष में 105 वोट पड़े। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को राज्यसभा में विधेयक को पेश किया, जिस पर करीब छह घंटे की बहस के बाद अमित शाह ने सदन में विधेयक से संबंधित जवाब दिए। मालूम हो कि इस बिल में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है।

विपक्ष इस विधेयक का लगातार विरोध कर रहा है और संविधान विरोधी बता रहा है। इस विधेयक के खिलाफ असम सहित पूवोर्त्तर के कई राज्यों में प्रदर्शन हो रहा है। विधेयक को स्थायी समिति में भेजने का प्रस्ताव खारिज हो गया। समिति के पास इसे नहीं भेजने के पक्ष में 124 वोट और विरोध में 99 वोट पड़े। शिवसेना ने सदन से वॉकआउट किया और वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।

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