123 देशों में कदम रखते ही गिरफ्तार होंगे पुतिन, लेकिन; वारंट के बाद अब आगे क्या?; समझिए मायने
इस वारंट के मुताबिक अगर व्लादिमीर पुतिन 123 में से किसी भी देश की यात्रा करते हैं तो उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (आईसीसी) के प्रॉसीक्यूटर करीम खान ने यह जानकारी दी।

इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है। यह वारंट यूक्रेन के खिलाफ जारी युद्ध को लेकर जारी किया गया है। इस वारंट के मुताबिक दुनिया के 123 देशों में कदम रखते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसके साथ ही साथ रूस की चिल्ड्रन राइट्स कमिश्नर मारिया अलेक्सेयेवना लवोवा-बेलोवा के खिलाफ भी गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी हुआ है। पुतिन के ऊपर यूक्रेनी बच्चों को अवैध रूप से जबर्दस्ती रूस ले जाने का आरोप है। गौरतलब है कि यूक्रेन पर रूस के हमले को एक साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है।
यात्रा में होगी परेशानी
इस वारंट के मुताबिक अगर व्लादिमीर पुतिन 123 में से किसी भी देश की यात्रा करते हैं तो उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (आईसीसी) के प्रॉसीक्यूटर करीम खान ने इस बात की जानकारी दी। इससे पुतिन को यात्रा करने में परेशानी होगी यह तय है। हालांकि इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के पास कोई पुलिस नहीं है और वह इस मामले में देशों पर निर्भर है। वैसे अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है जब पुतिन जैसा कोई हाई प्रोफाइल शख्स केस में शामिल रहा हो और उसे गिरफ्तार किया गया हो।
पहले कभी नहीं हुआ ऐसा
इससे पहले सूडान के नेता ओमर अल-बशीर ने विभिन्न देशों की यात्रा की थी जो इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के सदस्य हैं। दिलचस्प बात यह है कि उनके खिलाफ इसी कोर्ट ने वारंट जारी किया था। अभी तक सूडान ने उन्हें हैंडओवर नहीं किया है। कोलंबिया लॉ स्कूल के प्रोफेसर मैथ्यू वैक्समैन ने कहा कि इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने यह कदम तो बहुत महत्वपूर्ण उठाया है। लेकिन इस बात के चांसेज बहुत कम हैं कि हम पुतिन को कभी गिरफ्तार होता हुआ देख पाएंगे।
आखिर क्या हैं बाधाएं
सबसे बड़ी बात तो यह है कि अमेरिका और चीन की तरह रूस इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट का सदस्य नहीं है। आईसीसी पुतिन के ऊपर यह मामला इसलिए दर्ज कर पाया है क्योंकि यूक्रेन ने वर्तमान हालात में उसका ज्यूरिडिक्शन मान लिया है। हालांकि कीव भी आईसीसी का सदस्य नहीं है। वहीं, मॉस्को ने इस वारंट को खारिज कर दिया है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि रूस आईसीसी के ज्यूरिडिक्शन को नहीं मानता है। ऐसे में कानूनी नजरिए से यह फैसला उसके लिए मायने नहीं रखता है।