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अमेरिका में महिलाओं ने क्यों की सेक्स स्ट्राइक! बोलीं- गर्भपात का अधिकार मिलने पर ही बनाएंगे संबंध

महिलाओं से पुरुषों से तब तक सेक्स से बचने के लिए कह रही हैं जब तक कि गर्भपात का अधिकार संघीय कानून नहीं बन जाता है। देश भर में सेक्स स्ट्राइक की मांग सोशल मीडिया पर जोर पकड़ रही है।

अमेरिका में महिलाओं ने क्यों की सेक्स स्ट्राइक! बोलीं- गर्भपात का अधिकार मिलने पर ही बनाएंगे संबंध
Niteesh Kumarलाइव हिन्दुस्तान,वॉशिंगटनMon, 27 Jun 2022 01:24 PM

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Sex Strike in US: अमेरिकी महिलाएं पुरुषों के साथ यौन संबंध नहीं बनाने की धमकी दे रही हैं। ये 'सेक्स स्ट्राइक' की बात कर रही हैं। दरअसल, US में गर्भपात पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जमकर विरोध हो रहा है। अदालत का फैसला महिलाओं के गर्भपात के अधिकार का खत्म करता है, जिससे 26 राज्य गर्भपात पर प्रतिबंध लगा सकते हैं। 

महिलाओं से पुरुषों से तब तक सेक्स से बचने के लिए कह रही हैं जब तक कि गर्भपात का अधिकार संघीय कानून नहीं बन जाता है। देश भर में सेक्स स्ट्राइक की मांग सोशल मीडिया पर जोर पकड़ रही है। एक ट्विटर यूजर ने लिखा, "अमेरिका की महिलाएं यह संकल्प लें, क्योंकि हम अनपेक्षित गर्भावस्था का जोखिम नहीं उठा सकते हैं। इसलिए हम किसी भी पुरुष के साथ यौन संबंध नहीं रखेंगे, अपने पति के साथ भी। जब तक हम गर्भवती होना नहीं चाहें।"

#SexStrike और #abstinence हो रहा ट्रेंड
एक दूसरी यूजर ने कहा, "मैं न्यूयॉर्क में रहती हूं और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ हूं। मैं ऐसे लोगों को ढूंढ रही हूं जो सेक्स स्ट्राइक का समर्थन कर रहे हैं। यही हमारी ताकत है। गर्भपात के अधिकार को संघीय कानून बनने तक सेक्स नहीं करना है।" ट्विटर पर #SexStrike के साथ ही #abstinence भी ट्रेंड कर रहा है। एक अन्य महिला ने देशव्यापी सेक्स स्ट्राइक की मांग करते हुए कहा, "जब तक महिलाओं की गर्भपात का कानून हक नहीं मिल जाता, तक तक पुरुषों से संबंध नहीं बनाना है।"

SC के फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतरी महिलाएं
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ लोग सड़कों पर भी उतर आए हैं। पुलिस ने एरिजोना कैपिटल के बाहर से प्रदर्शन कर रहे लोगों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। अधिकारियों ने आंसू गैस के गोले तब दागे जब गर्भपात विरोधी प्रदर्शनकारियों ने सीनेट भवन के शीशे के दरवाजों को धक्का देना शुरू कर दिया। प्रदर्शन के चलते सांसदों को कुछ समय के लिए इमारत के अंदर एक तहखाने में रहना पड़ा।

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