पाकिस्तान में कौन सुरक्षित? रैली निकालकर अहमदिया मुसलमानों की मस्जिद तोड़ने की तैयारी
पाकिस्तान के दासका शहर में स्थित अहमदिया समुदाय की मस्जिद को तोड़ने का ऐलान कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक ने किया है। इस ऐलान से तनाव है। कट्टरपंथी संगठन की ओर से रैली निकाली जा रही है।

पाकिस्तान से हिंदू और ईसाई समुदाय के लोगों और उनके धर्मस्थलों पर हमले की खबरें अकसर आती रहती हैं। यही नहीं अहमदिया मुस्लिम समुदाय के लोगों को भी अकसर भेदभाव और हिंसा का सामना करना पड़ता है। पाकिस्तान में एक बड़ा वर्ग अहमदिया को मुस्लिम ही नहीं मानता। इस बीच कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान ने अहमदिया समुदाय की एक मस्जिद को तोड़ने का ऐलान कर दिया है। इस संगठन का कहना है कि शुक्रवार को इस मस्जिद को गिरा दिया जाएगा। तहरीक-ए-लब्बैक ने इसकी मीनारों को गिराने का ऐलान वीडियो के जरिए किया है।
दरअसल इस संगठन का कहना है कि ऐसी इमारत गलत है और उसे हम मस्जिद का दर्जा ही नहीं देते । यह मस्जिद पंजाब सूबे के सियालकोट जिले की दासका तहसील में स्थित है। इसे पाकिस्तान के पहले विदेश मंत्री सर जफरुल्लाह खान ने बनवाया था। जिला पुलिस के मुताबिक यह मस्जिद जफरुल्लाह खान के ठीक बगल में है और अब उसकी इमारतें काफी गिर चुकी हैं। यहां पर ऐसा कोई बोर्ड या सिंबल भी नहीं है, जिससे समझा जा सके कि यह मस्जिद है। तहरीक-ए-लब्बैक के ऐलान के बाद चिंताएं बढ़ गई हैं और इस हिंसा से तनाव पैदा होने की आशंका है।
लब्बैक का कहना है कि जुमे की नजर के बाद एक रैली निकाली जाएगी और फिर उसे तोड़ा जाएगा। पूरे शहर में इसे लेकर बैनर लगे हैं और सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर किए जा रहे हैं, जिनके जरिए लोगों से रैली में आने की अपील की जा रही है। गुरुवार को भी लब्बैक के समर्थक बड़ी संख्या में जुटे थे और मीनारों को गिराने की धमकी दी थी। इन लोगों को कहना था कि ये मीनारें अवैध हैं और 1984 में जिया उल हक सरकार की ओर से बनाए गए कानून का उल्लंघन है। इससे पहले लब्बैक ने पुलिस में एक शिकायत दी थी और अहमदिया समुदाय के पूजा स्थल को गिराने की मांग की थी।
