अचानक पाकिस्तान का हमदर्द बना तालिबान, 200 से ज्यादा TTP आतंकवादियों को किया गिरफ्तार
इस बीच, तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्ला अखुंदजादा ने अपनी सेना को पाकिस्तान के खिलाफ सीमा पार हमले शुरू करने से मना कर दिया है और उन्हें हराम या गैर-इस्लामिक बताया है।
सालों से चली आ रही दुश्मनी के बीच अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने 200 संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है। ये आतंकवादी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के बताए जा रहे हैं। यह वही आतंकी संगठन है जो पाकिस्तान पर लगातार घातक हमलों को अंजाम देता आ रहा है। वॉयस ऑफ अमेरिका (वीओए) ने घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले पाकिस्तानी अधिकारियों का हवाला देते हुए बताया कि सीमा पार हमलों का मुकाबला करने के इस्लामाबाद के प्रयास सफल होते नजर आ रहे हैं। क्योंकि अंतरिम अफगान शासकों ने पाकिस्तान के खिलाफ हमलों में शामिल 200 संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगान शासकों ने आतंकवादी गतिविधि को "निष्प्रभावी" करने के लिए अन्य "ठोस कदम" भी लागू किए हैं। प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान पर कार्रवाई का विवरण इस्लामाबाद के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ पिछले सप्ताह काबुल में आयोजित द्विपक्षीय वार्ता में साझा किया गया था। इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने 6 सितंबर को कहा कि यह बातचीत ऐसे समय में हुई जब चित्राल जिले के कलाश में अफगानिस्तान सीमा के पास स्थित दो पाकिस्तानी सेना चौकियों पर आतंकवादी हमलों को नाकाम करते हुए चार सैनिक शहीद हो गए थे।
सेना के मीडिया विंग के एक बयान में कहा गया, "6 सितंबर 2023 को, ताजा हथियारों से लैस आतंकवादियों के एक बड़े समूह ने सामान्य क्षेत्र कलश, जिला चित्राल में पाकिस्तान अफगानिस्तान सीमा के करीब स्थित दो पाकिस्तानी सैन्य चौकियों पर हमला किया।" आईएसपीआर के बयान के अनुसार, गोलीबारी के दौरान 12 आतंकवादियों को "जहन्नुम भेज दिया गया", जबकि बड़ी संख्या में आतंकवादी गंभीर रूप से घायल हो गए। रिपोर्ट के मुताबिक, अब अफगान तालिबान ने चित्राल हमले से लौट रहे 200 टीटीपी कैडरों को गिरफ्तार कर लिया है। वे अब सलाखों के पीछे हैं।" उन्होंने कहा कि असल में अफगान अधिकारी अन्य टीटीपी सदस्यों को पाकिस्तान की सीमा से दूर भेजने की प्रक्रिया में हैं।
एक अधिकारी ने कहा, "लेकिन हमें किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले इंतजार करना होगा और इन कदमों को करीबी से देखना होगा।" अफगानिस्तान को लेकर पाकिस्तान के विशेष प्रतिनिधि आसिफ दुर्रानी ने काबुल में प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था। उनके साथ वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भी थे। उस समय इस्लामाबाद में अधिकारियों ने तालिबान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी और उनकी टीम के साथ अपनी "व्यापक" चर्चा को "आशाजनक" बताया।
टीटीपी को पाकिस्तान, अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र द्वारा एक वैश्विक आतंकवादी संगठन नामित किया गया है। इस बीच, तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्ला अखुंदजादा ने अपनी सेना को पाकिस्तान के खिलाफ सीमा पार हमले शुरू करने से मना कर दिया है और उन्हें हराम या गैर-इस्लामिक बताया है। काबुल में हाल की चर्चाओं की जानकारी रखने वाले पाकिस्तानी अधिकारियों ने बताया कि अखुंदजादा ने अफगानों को पाकिस्तान के खिलाफ तथाकथित जिहाद के लिए टीटीपी के साथ सहयोग न करने या उसे पैसे न देने का भी आदेश दिया है। उन्होंने आतंकवादियों को अफगानिस्तान में चंदा जुटाने का अभियान चलाने से रोक दिया है।
