छिप-छिपकर जिंदगी जी रहीं अफगान की पूर्व महिला जज, तालिबानियों की रिहाई के बाद सता रहा यह डर
अफगानिस्तान में तालिबान राज आने से उन लोगों की भी जिंदगी अब खतरे में आ गई है, जिन्होंने कभी तालिबानियों के खिलाफ में फैसला सुनाया था या फिर सरकार की ओर से केस लड़ा था। अफगानिस्तान की पूर्व महिला...
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अफगानिस्तान में तालिबान राज आने से उन लोगों की भी जिंदगी अब खतरे में आ गई है, जिन्होंने कभी तालिबानियों के खिलाफ में फैसला सुनाया था या फिर सरकार की ओर से केस लड़ा था। अफगानिस्तान की पूर्व महिला अभियोजक उन लोगों से प्रतिशोध के डर से छिप रही हैं, जो कभी उनके फैसलों के बाद जेल गए थे और अब तालिबान राज में रिहा हो गए हैं।
अफगानिस्तान में 20 साल बाद वापसी करने वाले तालिबान ने काबुल पर कब्जा जमाने के बाद ही कई कैदियों को जेल से रिहा कर दिया है। महिला अभियोजकों का दावा है कि पूर्व कैदी बदला लेने के लिए उनकी तलाश कर रहे हैं। खामा प्रेस न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, एक महिला जज ने कहा कि तालिबान के देश पर कब्जा करने के बाद से उन्हें बार-बार अज्ञात नंबरों से फोन किया गया है।
तालिबान राज के बाद से कई महिला जज जो भागने में सफल रहीं, वे अब विदेश में हैं, मगर सैकड़ों की संख्या में अब भी महिला जज देश में छिपी हुई हैं। इन महिला जजों ने आमतौर पर महिलाओं के अधिकारों के उल्लंघन, महिलाओं के उत्पीड़न, बलात्कार, हत्या और पारिवारिक उत्पीड़न के मामलों को डील किया।
खामा प्रेस न्यूज एजेंसी ने बताया कि अफगानिस्तान में अन्य महिला कर्मचारियों के साथ महिला अभियोजक भी अपने घरों पर हैं और उन्हें अपनी नौकरी पर नहीं जाने के लिए कहा गया है। बता दें कि 15 अगस्त को तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया था और उसके बाद महिलाओं को काम पर जाने से मना कर दिया था।