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UNSC के पास है '2593' वाला वह हथियार, जिससे तालिबान के आतंकी नेताओं पर हो सकता है एक्शन

तालिबान ने हाल ही में अंतरिम सरकार की घोषणा की। इस सरकार में यूनाइटेड नेशंस सिक्यूरिटी काउंसिल (UNSC) की 1267 कमिटी की प्रतिबंध सूची में तालिबान कैबिनेट के 33 में से 17 मंत्री हैं। इन मंत्रियों को...

UNSC के पास है '2593' वाला वह हथियार, जिससे तालिबान के आतंकी नेताओं पर हो सकता है एक्शन
हिन्दुस्तान,नई दिल्लीSat, 11 Sep 2021 12:13 PM

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तालिबान ने हाल ही में अंतरिम सरकार की घोषणा की। इस सरकार में यूनाइटेड नेशंस सिक्यूरिटी काउंसिल (UNSC) की 1267 कमिटी की प्रतिबंध सूची में तालिबान कैबिनेट के 33 में से 17 मंत्री हैं। इन मंत्रियों को UNSC के नए 2593 प्रस्ताव के तहत हटाने की मांग की जा सकती है। बता दें कि दिसंबर 2022 तक 1267 कमिटी की भारत अध्यक्षता कर रहा है। भारत की अध्यक्षता में 30 अगस्त 2021 को प्रस्ताव 2593 पारित किया गया था। रूस और चीन ने इस प्रस्ताव में मतदान करने से परहेज किया था।

2593 का दूसरा पैराग्राफ साफ तौर पर कहता है कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी भी देश को धमकाने या हमला करने या आतंकियों को शरण देने या ट्रेनिंग देने या आतंकी हमलों की प्लानिंग या उन्हें फंडिंग करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। अफगानिस्तान में आतंकवाद का मुकाबला करने के महत्व को दोहराते हुए, संकल्प 2593 उन व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करने का भी आह्वान करता है जिन्हें संकल्प 1267 (1999) के अनुसार नामित किया गया है।

जबकि तालिबान को एक आतंकी संगठन के तौर पर नामित नहीं किया गया है लेकिन इसके कई नेता प्रस्ताव 1267 के तहत आते हैं। इस लिस्ट में अफगानिस्तान के गृहमंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी सबसे प्रमुख हैं। हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख सिराजुद्दीन को यूनाइटेड नेशंस और अमेरिका जैसे देशों द्वारा आतंकी के तौर पर नामित हैं। सिराजुद्दीन पर 36 करोड़ रुपये का इनाम है। सिराजुद्दीन के साथ ही खुफिया प्रमुख अब्दुल हक वासीक, उप रक्षा मंत्री मोहम्मद फजल, सूचना और प्रसारण मंत्री खैरुल्लाह खैरख्वा और सीमा और जनजातीय मामलों के मंत्री नूरुल्ला नूरी भी आतंकी लिस्ट में शामिल हैं।

प्रस्ताव 2593 के उल्लंघन से तालिबान सरकार पर यूनाइटेड नेशंस के प्रतिबंध लग सकते हैं। तालिबान अगर अल कायदा, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा या तहरीक-ए-तालिबान, पाकिस्तान जैसे आतंकी समूहों को सुरक्षित पनाहगाह प्रदान करता है तो उसपर कारवाई की जा सकती है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि इन सभी ग्रुप्स ने पिछले महीने कंधार में  जैश के मुख्य ऑपरेशनल कमांडर मुफ्ती अब्दुल रऊफ अजहर उर्फ मार से मिलने के साथ तालिबान के सुप्रीम लीडर हिबतुल्लाह अकुंदजादा के प्रति निष्ठा की शपथ ली है।

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