ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News विदेश21 साल की लेक्सी ने 196 देश घूमकर बनाया रिकॉर्ड

21 साल की लेक्सी ने 196 देश घूमकर बनाया रिकॉर्ड

अमेरिका की 21 साल की लेक्सी अल्फोर्ड दुनिया के 196 देश घूमने वाली पहली युवा महिला बन गई हैं। लेक्सी अपनी यात्रा का रिकॉर्ड गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड को सौंप चुकी हैं। लेक्सी से पहले सभी देश घूमने का...

21 साल की लेक्सी ने 196 देश घूमकर बनाया रिकॉर्ड
वाशिंगटन एजेंसीMon, 10 Jun 2019 02:16 PM
ऐप पर पढ़ें

अमेरिका की 21 साल की लेक्सी अल्फोर्ड दुनिया के 196 देश घूमने वाली पहली युवा महिला बन गई हैं। लेक्सी अपनी यात्रा का रिकॉर्ड गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड को सौंप चुकी हैं। लेक्सी से पहले सभी देश घूमने का रिकॉर्ड केसी द पेकोल के नाम था। लेक्सी के मुताबिक, घूमने के दौरान वह इंटरनेट से दूर रही लेकिन दुनिया से जुड़ी रही।  

बचपन से रहीं घूमने की शौकीन: लेक्सी ने बताया, ‘दुनियाभर में घूमना उनकी जिंदगी में बचपन से ही शामिल था। मेरे परिवार की कैलिफोर्निया में एक ट्रैवल एजेंसी थी। हर साल मेरे माता-पिता मुझे स्कूल से निकालकर कुछ हफ्ते के लिए अलग जगह पर पढ़ने के लिए भेज देते थे।’ लेक्सी ने आगे कहा, ‘जैसे-जैसे मैं बड़ी होती गई, माता-पिता मुझे कंबोडिया के तैरते गांवों से दुबई के बुर्ज खलीफा, अर्जेंटीना के छोर पर स्थित उशुआया से मिस्र के पिरामिड्स तक ले गए। उन्होंने मुझे दुनिया के हर स्थान का महत्व समझाया। इन सबका मुझ पर काफी प्रभाव पड़ा। मैं कोई रिकॉर्ड नहीं बनाना चाहती थी, मेरा मकसद ज्यादा से ज्यादा दुनिया देखना था।’

तीन साल पहले शुरू किया घूमना : लेक्सी ने 2016 में दुनिया के हर देश में घूमने के मिशन पर काम करना शुरू किया। सभी देशों को घूमने का आइडिया कहां से आया, इस पर लेक्सी कहती हैं, ‘18 साल की उम्र तक मैं 72 देश घूम चुकी थी। मैं हाईस्कूल नियत समय से दो साल पहले पास कर चुकी थी। स्थानीय कॉलेज से एसोसिएट डिग्री भी ले चुकी थी। लिहाजा मैं यात्रा के लिए तैयार थी।’

घूमने में ज्यादातर खुद के पैसे खर्च किए : लेक्सी के मुताबिक, यात्रा पर ज्यादा पैसा मैंने अपने पास से ही खर्च किया। मैं हमेशा से जानती थी कि किसी भी तरह की यात्रा के लिए काफी पैसों की जरूरत पड़ती है, इसलिए 12 साल की उम्र से सेविंग कर रही थी।

दूसरी संस्कृतियों को करीब से जाना
लेक्सी ने बताया, पाकिस्तान और वेनेजुएला में उन्हें काफी प्राकृतिक सुंदरता मिली। वहीं, पश्चिम और मध्य अफ्रीका में वीजा, पर्यटन के लिए कम इन्फ्रास्ट्रक्चर और भाषाई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अफ्रीका में कम उड़ानें होती हैं और वहां अंग्रेजी बोलने वाले गाइड और होटल भी नहीं मिलते। जिस भी देश में गई वहां का सिम कार्ड तक नहीं लिया। इससे मुझे वहां की संस्कृति को करीब से जानने का मौका मिला।

इसें भी पढ़ें : पाकिस्तान एयरलाइंस के विमान में महिला यात्री ने टॉयलेट समझकर खोला इमरजेंसी एग्जिट गेट

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें