2 हजार साल पुराना है दुनिया का पहला कंप्यूटर; जहाज के मलबे से मिला, वैज्ञानिक भी हैरान
इंग्लैंड में स्थित यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने एंटीकाइथेरा मैकेनिज्म पर कुछ अहम जानकारियां दीं। उन्होंने दावा किया कि 3डी कंप्यूटर मॉडलिंग के जरिए इसके कुछ रहस्यों को सुलझाया था।
दुनिया का पहला कंप्यूटर करीब 2 हजार साल पुराना है। इसे एंटीकाइथेरा मैकेनिज्म के नाम से जाना जाता है। वैज्ञानिकों के बीच इसे लेकर लगातार उत्सुकता बनी रहती है। यही वजह है कि ये आज भी चर्चा का विषय बना हुआ है। मालूम हो कि स्पंज गोताखोरों ने रोमन युग के जहाज के मलबे से इसे निकाला था। तब से लेकर अब तक वैज्ञानिक और इतिहासकार लगातार इस पर शोध कर रहे हैं। इस प्रक्रिया में कुछ नई जानकारियां निकलकर सामने आई हैं। हालांकि, रिसर्चर्स का कहना है कि यह मैकेनिज्म किसी पहेली जैसा है, जिसे सुलझाना वाकई चुनौतीपूर्ण है। इसके बावजूद, इस कंप्यूटर के कुछ रहस्यों को सुलझाया गया है।
इंग्लैंड में स्थित यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने एंटीकाइथेरा मैकेनिज्म पर कुछ अहम जानकारियां दीं। उन्होंने दावा किया कि 3डी कंप्यूटर मॉडलिंग के जरिए इसके कुछ रहस्यों को सुलझाया गया। टीम ने बताया कि उन्होंने पिछले रिसर्चर्स के काम को आधार बनाया और इस मैकेनिज्म के डिजाइन को पूरी तरह से फिर से बनाने के लिए प्राचीन गणनाओं का इस्तेमाल किया गया। यह उपकरण सूर्य, चंद्रमा और ग्रहों की चाल को बताता है। हालांकि, यह साफ नहीं हुआ कि यह डिजाइन पूरी तरह सही है या नहीं।
सूर्य, चंद्रमा और ग्रहों की स्थिति को समझना
ऐसा कहा जाता है कि प्राचीन यूनानी इस उपकरण का इस्तेमाल सूर्य, चंद्रमा और 5 ग्रहों की स्थिति को समझने के लिए करते थे। इसके अलावा, चंद्रमा की चाल का पता लगाने के लिए यह कैलेंडर के तौर पर काम आता था। साल 2021 में UCL के वैज्ञानिक एडम वोजिक ने बताया था, 'इसे दोबारा बनाने से वे बातें साबित हुईं, जो वैज्ञानिकों ने इसके बचे हिस्सों से निकालीं थीं।' मालूम हो कि एंटीकाइथेरा मैकेनिज्म जूते के डब्बे के आकार का है। इस अनोखी मशीन में 37 गियर थे जो एक-दूसरे से जुड़े हुए थे। इसके जरिए अंतरिक्ष विज्ञान को समझने का प्रयास होता था।
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