Hindi Newsविदेश न्यूज़South Korea spy agency claims summit between Trump and Kim Jong Un is likely in 2026
डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग उन फिर मिलाएंगे हाथ, इस देश की खुफिया एजेंसी का दावा

डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग उन फिर मिलाएंगे हाथ, इस देश की खुफिया एजेंसी का दावा

संक्षेप: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन एक-दूसरे से मिलने के इच्छुक दिख रहे हैं। अगर सब कुछ योजनानुसार चला तो दोनों नेता जल्द ही वाशिंगटन में आमने-सामने हो सकते हैं। दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय खुफिया सेवा की ओर से ऐसा दावा किया गया है

Tue, 4 Nov 2025 10:26 PMDevendra Kasyap लाइव हिन्दुस्तान
share Share
Follow Us on

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन एक-दूसरे से मिलने के इच्छुक दिख रहे हैं। अगर सब कुछ योजनानुसार चला तो दोनों नेता जल्द ही वाशिंगटन में आमने-सामने हो सकते हैं। दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय खुफिया सेवा (NIS) की ओर से दावा किया गया है। एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच एक शिखर सम्मेलन की प्रबल संभावना है। एनआईएस का मानना है कि किम जोंग उन की ओर से महीनों तक दिखाई गई उदासीनता के बाद, अगले साल दोनों देशों के बीच वार्ता फिर से शुरू हो सकती है। बता दें कि ट्रंप ने उत्तर कोरियाई नेता के साथ प्रत्यक्ष कूटनीति को पुनर्जीवित करने की इच्छा कई बार जाहिर की है, हालांकि पिछले सप्ताह एशिया यात्रा के दौरान वे इसमें सफल नहीं हो सके थे।

LiveHindustan को अपना पसंदीदा Google न्यूज़ सोर्स बनाएं – यहां क्लिक करें।

दरअसल, दक्षिण कोरिया की मुख्य जासूसी एजेंसी ने आकलन किया है कि किम जोंग उन अमेरिका के साथ संवाद करने के मूड में हैं और अनुकूल परिस्थितियों में संपर्क साधेंगे। विपक्षी सांसद ली सुंग-क्वोन, जो संसदीय खुफिया समिति के सदस्य भी हैं, के अनुसार, यह शिखर सम्मेलन मार्च में अमेरिका-दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास के बाद आयोजित हो सकता है। उत्तर कोरिया इन अभ्यासों को हमले के पूर्वाभ्यास के रूप में निशाना बनाता रहा है, जबकि अमेरिका और दक्षिण कोरिया इसे खारिज करते हैं। ली ने बताया कि एनआईएस ने सांसदों को सूचित किया है कि उत्तर कोरिया पर्दे के पीछे अमेरिका के साथ वार्ता की तैयारी में जुटा है और किम अपनी बयानबाजी को संयमित कर रहे हैं।

बता दें कि ट्रंप के पहले राष्ट्रपति कार्यकाल में उन्होंने किम के साथ तीन शिखर सम्मेलनों का आयोजन किया था, अंतिम 2019 में हुआ था। लेकिन परमाणु निरस्त्रीकरण वार्ता अमेरिका-नीत प्रतिबंधों पर मतभेदों के कारण विफल रही। उसके बाद किम ने अपने बैलिस्टिक मिसाइल तथा परमाणु कार्यक्रमों को तेजी से बढ़ाया है और रूस के साथ सुरक्षा गठबंधन के जरिए फायदा उठाया है, जिसमें यूक्रेन युद्ध में मॉस्को को तोपखाने तथा सैनिक प्रदान करना शामिल है। किम और उत्तर कोरियाई अधिकारियों ने स्पष्ट कहा था कि वे अमेरिका से तब तक बात नहीं करेंगे, जब तक वाशिंगटन उत्तर कोरिया को परमाणु शक्ति के रूप में मान्यता न दे।

Devendra Kasyap

लेखक के बारे में

Devendra Kasyap
देवेन्द्र कश्यप, लाइव हिंदुस्तान में चीफ कंटेंट प्रोड्यूसर। पटना से पत्रकारिता की शुरुआत। महुआ न्यूज, जी न्यूज, ईनाडु इंडिया, राजस्थान पत्रिका, ईटीवी भारत और नवभारत टाइम्स ऑनलाइन जैसे बड़े संस्थानों में काम किया। करीब 11 साल से डिजिटल मीडिया में कार्यरत। MCU भोपाल से पत्रकारिता की पढ़ाई। पटना व‍िश्‍वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस से ग्रेजुएशन। फिलहाल लाइव हिन्दुस्तान में नेशनल, इंटरनेशनल डेस्क पर सेवा दे रहे हैं। और पढ़ें

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।