Hindi Newsविदेश न्यूज़Sheikh Hasina could not even take her clothes while fleeing from Bangladesh army had given her only 45 minutes

बांग्लादेश से भागते समय कपड़े भी नहीं ले सकीं शेख हसीना, सेना ने दिया था सिर्फ 45 मिनट का समय

  • शेख हसीना और उनकी टीम एयरबेस के पास एक सुरक्षित घर में रह रही है। सूत्रों के अनुसार, भारत ने शेख हसीना को किसी अन्य देश में शरण मिलने तक शरण देने की अनुमति दी है।

बांग्लादेश से भागते समय कपड़े भी नहीं ले सकीं शेख हसीना, सेना ने दिया था सिर्फ 45 मिनट का समय
Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानThu, 8 Aug 2024 12:57 AM
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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनकी टीम अपनी अवामी लीग सरकार के खिलाफ हिंसक विद्रोह से बचकर सोमवार को भारत पहुंची। उनकी टीम अपने साथ अतिरिक्त कपड़े और दैनिक उपयोग की वस्तुएं भी नहीं ला सकीं। सूत्रों के अनुसार शेख हसीना को बांग्लादेश की सेना ने देश छोड़ने के लिए सिर्फ 45 मिनट का समय दिया था। वह अपनी बहन शेख रेहाना और अपने करीबी सहयोगियों के साथ एक सैन्य विमान में भारत के लिए रवाना हुईं और दिल्ली के पास हिंडन एयरबेस पर उतरीं।

इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि शेख हसीना के साथ भारत पहुंची टीम पूरी तरह से परेशान थी। उन्हें भीड़ से बचने के लिए जल्दबाजी में बांग्लादेश छोड़ना पड़ा। सूत्रों ने कहा कि बांग्लादेशी टीम के साथ तैनात प्रोटोकॉल कार्यालय के सदस्यों ने उन्हें भारत में कपड़े और दैनिक उपयोग की वस्तुएं खरीदने में मदद की है।

शेख हसीना और उनकी टीम एयरबेस के पास एक सुरक्षित घर में रह रही है। सूत्रों के अनुसार, भारत ने शेख हसीना को किसी अन्य देश में शरण मिलने तक शरण देने की अनुमति दी है। सूत्रों ने बताया कि भारतीय सुरक्षाकर्मी और प्रोटोकॉल अधिकारी दल के सदस्यों को तनाव और सदमे से उबरने में मदद कर रहे हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शेख हसीना और उनके दल के सदस्यों से मिलने वाले पहले व्यक्ति थे। दोनों पक्षों ने शेख हसीना की वर्तमान और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की है।

थोड़े और समय के लिए दिल्ली में रहेंगी हसीना: सजीब वाजेद
शेख हसीना थोड़े और समय के लिए दिल्ली में रहेंगी। हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने बुधवार को यह जानकारी दी। अवामी लीग की नेता हसीना सोमवार को दिल्ली के निकट स्थित एक वायुसेना स्टेशन पहुंची थीं और बाद में उन्हें कड़ी सुरक्षा के तहत दिल्ली में एक सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया था। हसीना के साथ उनकी बहन शेख रेहाना भी हैं।

जर्मनी के मीडिया संस्थान डॉयशे वेले को दिए साक्षात्कार के दौरान जॉय से किसी तीसरे देश से शरण मांगने की हसीना की योजना के बारे में पूछा गया। जॉय ने कहा, “ये सभी अफवाहें हैं। उन्होंने अभी इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है। वह कुछ और समय के लिए दिल्ली में ही रहेंगी। मेरी बहन उनके साथ हैं। लिहाजा वह अकेली नहीं हैं।”

हसीना की बेटी सायमा वाजेद विश्व स्वास्थ्य संगठन की दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक हैं, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। ब्रिटेन द्वारा शरण दिए जाने में टालमटोल के बाद हसीना की लंदन यात्रा की योजना अधर में लटक गई है। रेहाना की बेटी ट्यूलिप सिद्दीकी ब्रिटिश संसद की सदस्य हैं।

बांग्लादेश में मौजूदा अस्थिरता पर बात करने वाले जॉय से यह भी पूछा गया कि क्या उनकी राजनीति में आने की कोई योजना है, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “अभी ऐसी कोई योजना नहीं है। यह तीसरी बार है जब हमारे परिवार के खिलाफ तख्तापलट किया गया है।''

उन्होंने कहा कि हसीना को छोड़कर उनके परिवार के सभी सदस्य पहले से ही लंबे समय से विदेश में रह रहे थे और शेख रेहाना या परिवार के किसी अन्य सदस्य के राजनीति में आने की संभावना नहीं है।

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