बांग्लादेश में किसकी सरकार? ढाका यूनिवर्सिटी के चुनावी नतीजों पर शशि थरूर ने जताई चिंता
Shashi Tharoor: ढाका यूनिवर्सिटी के चुनावी नतीजों में जमीयत की छात्र शाखा की जीत पर शशि थरूर ने चिंता जताई है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या इससे फरवरी 2026 में होने वाले चुनावों पर भी फर्क पड़ेगा?

बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद से यूनुस सरकार पर चुनाव कराने का दबाव है। हाल ही में यूनुस प्रशासन ने आगामी चुनावों को लेकर अपने संकेत भी दिए थे। इसी बीच हाल ही में ढाका यूनिवर्सिटी में हुए चुनाव में जमीयत-ए-इस्लामी की छात्र शाखा ने बड़ी जीत दर्ज की है। जमीयत की इस जीत को कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बांग्लादेश की राजनैतिक दिशा और भारत के साथ उसके संबंधों को लेकर चिंताजनक संकेत बताया है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर ढाका यूनिवर्सिटी में जमीयत की छात्र शाखा की जीत की एक खबर को साझा करते हुए कांग्रेस नेता ने अपनी चिंता जाहिर की। उन्होंने लिखा, "यह शायद ज्यादातर भारतीयों के लिए एक छोटी सी बात हो, लेकिन आने वाले समय के लिए यह एक चिंताजनक संकेत है।"
कांग्रेस सांसद ने बांग्लादेशी लोगों के मन में शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग और खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी को लेकर बढ़ते अलगाव की तरफ भी इशारा किया। उन्होंने अपनी बात को विस्तार देते हुए लिखा, "जो लोग दोनों घरों पर विपत्ति की कामना कर रहे हैं, वह तेजी के साथ जमात-ए-इस्लामी का रुख कर रहे हैं। यह इसलिए नहीं हो रहा कि बांग्लादेशी मतदाता इस्लामिक कट्टरपंथी है। बल्कि इसलिए हो रहा है क्योंकि जमात-ए-इस्लामी पर इन दोनों पार्टियों की तरह भ्रष्टाचार या कुशासन का दाग नहीं है। वह अपने आप में सही हो या गलत इससे फर्क नहीं पड़ता।"
थरूर ने आगामी बांग्लादेशी चुनाव में इस रुझान को लेकर भी अपनी चिंता साझा की। उन्होंने कहा, “फरवरी 2026 में होने वाले आम चुनावों में इसका क्या असर होगा? क्या नई दिल्ली को अपने पड़ोस में जमात की मजॉरिटी से निपटना होगा?”
आपको बता दें 1971 के बाद पहली बार है जब जमीयत के छात्र संगठन ने ढाका यूनिवर्सिटी चुनाव में इतनी बड़ी जीत दर्ज की है। छात्र संघ चुनाव में 12 में से 9 सीट हासिल करने वाले इस संगठन को जमात-ए-इस्लामी पाकिस्तान, मुहम्मद यूनुस समेत कई सलाहकारों से बधाई संदेश प्राप्त हुए हैं। हालांकि खालिदा जिया की पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के छात्र संगठन ने चुनावों में धांधली का आरोप लगाया है। चुनावों में हार के दो दिन बाद बीएनपी समर्थित छात्र संगठन ने चुनावों के बहिष्कार का ऐलान किया है। इस ऐलान के साथ ही एक बार फिर से क्षेत्र में हिंसा की आशंका पैदा हो गई है। इसे देखते हुए बांग्लादेशी सेना ने यूनिवर्सिटी के बाहरी इलाकों में अर्धसैनिक बलों और सैनिकों की तैनाती कर दी है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।




