इस्लामिक चैरिटी होम्स में यौन शोषण का गंदा खेल, मलेशियाई पुलिस ने बचाए 400 बच्चे; मौलवियों समेत 117 गिरफ्तार
- मलेशियाई पुलिस ने 20 इस्लामिक चैरिटी होम्स में बच्चों के यौन शोषण का भंडाफोड़ किया है। दो राज्यों में की गई छापेमारी के दौरान पुलिस ने 201 लड़कियों समेत 400 से अधिक बच्चों को रेस्क्यू किया। मौलवियों समेत 171 लोगों को गिरफ्तार किया।
मलेशियाई पुलिस ने 20 इस्लामिक चैरिटी होम्स में बच्चों के यौन शोषण का भंडाफोड़ किया है। दो राज्यों में की गई छापेमारी के दौरान पुलिस ने 201 लड़कियों समेत 400 से अधिक बच्चों को रेस्क्यू किया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी के दौरान टीम ने मौलवियों समेत 171 लोगों को गिरफ्तार किया है। दरअसल, इस महीने की शुरुआत में पुलिस के सामने शिकायत आई थी कि चैरिटी होम्स में बच्चों के साथ दुर्व्यवहार, यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ जैसी घटनाएं हो रही हैं।
मलेशिया में टॉप पुलिस अधिकारी रजारूद्दीन हुसैन ने प्रेस कांफ्रेंस में मामले का खुलासा किया कि ये सभी चैरिटी होम्स ग्लोबल इखवान सर्विसेज एंड बिजनेस (जीआईएसबी) द्वारा संचालित थे। जीआईएसबी एक मलेशियाई फर्म है, जो सुपरमार्केट कारोबार में शामिल है। इसकी वेबसाइट के अनुसार यह इंडोनेशिया, सिंगापुर, मिस्र, सऊदी अरब, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और थाईलैंड सहित कई देशों में काम करती है। यौन शोषण के आरोपों पर जीआईएसबी ने तुरंत कोई जवाब नहीं दिया लेकिन, एक बयान में जीआईएसबी ने अलग-अलग सोशल मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया कि कंपनी ने बच्चों का शोषण किया है। कहा कि कंपनी किसी भी अवैध गतिविधि में शामिल नहीं है और इस मुद्दे को सुलझाने के लिए वह पुलिस अधिकारियों के साथ सहयोग करेगी।
शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि मलेशियाई अधिकारियों ने बुधवार को 400 से अधिक बच्चों और किशोरों को बचाया। पुलिस को ऐसा पता लगा है कि एक प्रतिबंधित धार्मिक संप्रदाय से जुड़े एक प्रमुख इस्लामी व्यापारिक संगठन द्वारा इन चैरिटी होम्स में यौन शोषण किया जा रहा था। पुलिस ने शिकायत के बाद बुधवार को इन जगहों पर रेड मारी और बच्चों को रेस्क्यू किया। सभी बच्चों की उम्र 1 साल से 17 साल के बीच की है। रजारूद्दीन हुसैन ने बताया कि अभियान के दौरान पुलिस ने मौलवियों, छात्रावास पर्यवेक्षकों और संस्थान अध्यक्षों सहित 171 को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किये गये लोगों में 66 पुरुष और 105 महिलाएं शामिल हैं, जिनकी उम्र 17 से 64 वर्ष के बीच है।
पुलिस के सनसनीखेज खुलासे
रजारूद्दीन ने कहा कि प्रारंभिक पुलिस जांच में पाया गया है कि बचाए गए बच्चे मलेशियाई जीआईएसबी कर्मचारियों के बच्चे थे। उन्हें जन्म के तुरंत बाद ही इन बालगृहों में भेज दिया गया था। उसके बाद उन्हें कई प्रकार के दुर्व्यवहार का शिकार होना पड़ा। पीड़ितों के साथ चैरिटी होम्स में आरोपियों द्वारा कथित तौर पर दुष्कर्म किया गया तथा बाद में उन्हें अन्य बच्चों के साथ दुष्कर्म करना सिखाया गया। रजारूद्दीन ने आगे खुलासा किया कि जिन बच्चों ने विरोध किया। उनके हाथों पर गर्म चम्मच रख दिए गए, कई तरह से प्रताड़ित किया गया।
किस इस्लामिक संगठन का आ रहा नाम
जीआईएसबी द्वारा संरक्षित इन चैरिटी होम्स में चल रहे घिनौने कांड के पीछे मलेशिया के अल-अरकम धार्मिक संप्रदाय का नाम सामने आ रहा है। इस संगठन पर मलेशियाई सरकार ने 1994 में प्रतिबंध लगा दिया था। जीआईएसबी ने संगठन के साथ संबंध को स्वीकार किया है, लेकिन अब वह खुद को मुस्लिम प्रथाओं पर आधारित एक इस्लामी समूह बताता है।
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