Hindi Newsविदेश न्यूज़S Jaishankar conveyed a message to the US on the issue of Russian oil and also on terrorism G20
विकास को निशाना बनाकर, वैश्विक शांति नहीं ला सकते; जयशंकर ने US को सुनाया, आतंक पर भी संदेश

विकास को निशाना बनाकर, वैश्विक शांति नहीं ला सकते; जयशंकर ने US को सुनाया, आतंक पर भी संदेश

संक्षेप: S Jaishankar: विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि वैश्विक विकास को खतरे में डालकर हमें अंतर्राष्ट्रीय शांति की बात नहीं कर सकते। हमें किसी भी मुद्दे को सुलझाने के लिए बातचीत और कूटनीति का सहारा लेना होगा बजाय इसके कि हम विकास की योजनाओं को खतरे में डाल दें।

Fri, 26 Sep 2025 01:07 AMUpendra Thapak लाइव हिन्दुस्तान
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भारत और अमेरिका के बीच जारी तनाव के बीच न्यूयॉर्क पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूसी तेल के मुद्दे भारत की आलोचना को लेकर पश्चिमी देशों के दोहरे मापदंड की जमकर निंदा की। उन्होंने अमेरिका का नाम लिए बिना कहा कि हम वैश्विक विकास को खतरे में डालकर अंतर्राष्ट्रीय शांति स्थापित नहीं कर सकते। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस समय विश्व की जो स्थिति हो रही है, उसकी वजह से इन दोनों (विकास और शांति) की स्थिति बिगड़ रही है। इसकी वजह से ग्लोबल साउथ और पूरी दुनिया पर असर पड़ रहा है। इतना ही नहीं विदेश मंत्री ने इस दौरान आतंकवाद को लेकर भी जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने पर जोर दिया।

न्यूयॉर्क में जी-20 के सदस्य देशों के बीच हुई मीटिंग में अपनी बात रखते हुए जयशंकर ने कहा, "हम शांति के द्वारा विकास को ला सकते हैं, लेकिन विकास को खतरे में डालकर बनाकर हम वैश्विक शांति को स्थापित नहीं कर सकते।" यहां पर जयशंकर ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से किसी भी मुद्दे को शांति और बातचीत के जरिए सुलझाने का आग्रह किया।

उन्होंने आगे कहा, “शांति निश्चित तौर पर विकास को सक्षम बनाकर ही आ सकती है। हम इसे खतरे में डालकर शांति को बढ़ावा नहीं दे सकते। आर्थिक रूप से पहले से ही नाजुक स्थिति में चल रहीं ऊर्जा और अन्य आवश्यक चीजों के व्यापार को और भी ज्यादा अनिश्चित बनाने से किसी का भी भला नहीं होने वाला। इसलिए किसी भी मुद्दे का समाधान बातचीत, कूटनीति के जरिए ही करना चाहिए... न कि इसके विपरीत दिशा में जाकर जटिलताओं को और भी ज्यादा बढ़ा देना चाहिए।”

आपको बता दें विदेश मंत्री जयशंकर का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब रूस से तेल खरीदने के चलते अमेरिका ने भारत के ऊपर 25 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है। इसकी वजह से भारत और अमेरिका के बीच का व्यापार कठिन हो गया है। हालांकि इसके बाद भी अपनी रणनीतिक संप्रभुता और रूस के साथ अपनी मित्रता की रक्षा करते हुए भारत ने अमेरिका दबाव को धता बता दिया और रूस से तेल खरीदना जारी रखा।

आतंकवाद पर निशाना

विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने भाषण के दौरान अपने जी-20 के समकक्षों से आतंकवाद पर भी जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने का आग्रह किया। जयशंकर ने कहा, "यह जरूरी है कि दुनिया आतंकवादी गतिविधियों के प्रति न तो सहिष्णुता दिखाए और न ही उन्हें सहयोग दें। जो भी लोग आतंकवाद के नेटवर्क को तोड़ने और किसी भी तरीके से उसे खत्म करने का काम कर रहे हैं, वह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की मदद कर रहे हैं।"

जी20 की उपयोगिता बढ़ाने पर बल

जयशंकर ने दुनिया में बहुपक्षीय संस्थाओं की कमी को लेकर, मुख्य रूप से संयुक्त राष्ट्र की सीमाओं की आलोचना करते हुए कहा कि यह संस्था वर्तमान की समस्याओं का समाधान करने में सक्षम नहीं है। विदेश मंत्री ने बहुपक्षवाद में सुधार की आवश्यकता पर बल देते हुए जी20 की भूमिका को बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, "जी20 के सदस्यों के रूप में यह हमारी विशेष जिम्मेदारी है कि हम इसकी स्थिरता को और भी ज्यादा मजबूत करें। हम ही इसे एक सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ा सकते हैं। इससे यह बातचीत और कूटनीति के माध्यम से आतंकवाद का दृढ़ता के साथ मुकाबला करे और एक मजबूत ऊर्जा और आर्थिक सुरक्षा को बढ़ाने में मदद करें।

Upendra Thapak

लेखक के बारे में

Upendra Thapak
उपेन्द्र पिछले कुछ समय से लाइव हिन्दुस्तान के साथ बतौर ट्रेनी कंटेंट प्रोड्यूसर जुड़े हुए हैं। पत्रकारिता की पढ़ाई भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली (2023-24 बैच) से पूरी की है। इससे पहले भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से अपना ग्रैजुएशन पूरा किया। मूल रूप से मध्यप्रदेश के भिंड जिले के रहने वाले हैं। अंतर्राष्ट्रीय संबंधों, राजनीति के साथ-साथ खेलों में भी दिलचस्पी रखते हैं। और पढ़ें

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