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'अगर हमारा फंड जब्त किया तो तुम्हारी सारी संपत्ति बेंच देंगे', पुतिन की यूरोप को खुली चेतावनी

संक्षेप: 2022 से अब तक रूस में विभिन्न जब्त की गई संपत्तियों का मूल्य 3.9 ट्रिलियन रूबल (करीब 48 अरब डॉलर) आंका गया है। अक्सर यह संपत्तियां सरकार द्वारा नए मालिकों को रियायती दरों पर बेची जाती हैं। जानिए पूरा मामला क्या है?

Thu, 2 Oct 2025 12:45 PMAmit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, ब्रुसेल्स
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'अगर हमारा फंड जब्त किया तो तुम्हारी सारी संपत्ति बेंच देंगे', पुतिन की यूरोप को खुली चेतावनी

रूस ने यूरोपीय संघ (EU) की संभावित योजना का मुकाबला करने के लिए विदेशी स्वामित्व वाली कंपनियों की संपत्तियों को राष्ट्रीयकृत कर उन्हें तुरंत बेचने का रास्ता खोल दिया है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को एक आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत सरकारी-स्वामित्व वाली परिसंपत्तियों की त्वरित बिक्री के लिए विशेष प्रक्रिया लागू की जाएगी।

सरकार से जुड़े सूत्रों के अनुसार, यह कदम पश्चिमी देशों द्वारा रूस की विदेशों में फ्रीज की हुई संपत्तियों को जब्त करने की आशंका के जवाब में उठाया गया है। सूत्र ने कहा कि यदि यूरोप रूस की संपत्तियों को जब्त करने की दिशा में आगे बढ़ता है तो मॉस्को भी ‘समान कार्रवाई’ करेगा। आदेश पर हस्ताक्षर करने के साथ पुतिन यूरोपीय देशों को खुली चेतावनी दी है कि 'अगर वे रूस के फ्रीज किए हुए फंड को जब्त करेंगे तो रूस भी अपने देश में मौजूद उनकी संपत्तियों को बेच देगा।'

EU की योजना और रूस की प्रतिक्रिया

यह फैसला ऐसे समय में आया है जब यूरोपीय नेता डेनमार्क में बैठक कर रहे हैं। बैठक के दौरान ये पश्चिमी देश रूसी केंद्रीय बैंक की लगभग 300 अरब डॉलर की फ्रीज की हुई संपत्तियों को यूक्रेन की सहायता के लिए इस्तेमाल करने पर विचार कर रहे हैं। वे रूसी फंड से यूक्रेन को 140 अरब यूरो (लगभग 164 अरब डॉलर) का ऋण देने पर सहमति बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा यूक्रेन को सीधी सहायता रोक देने के बाद यूरोप पर युद्धग्रस्त यूक्रेन की मदद का पूरा बोझ आ गया है।

बता दें कि रूस के आक्रमण के बाद फरवरी 2022 से, यूरोपीय संघ और उसके सहयोगी देशों ने रूसी संपत्तियों को फ्रीज कर दिया था, जिनकी कुल कीमत लगभग 300 अरब डॉलर है। इनमें से अधिकांश (लगभग 210 अरब यूरो) यूरोप में ही जमा हैं, जिसमें ब्रसेल्स स्थित सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी यूरोक्लियर में 185 अरब यूरो शामिल हैं। ईयू आयोग ने हाल ही में एक "क्रिएटिव" योजना पेश की है, जिसके तहत इन फ्रीज की हुई संपत्तियों से उत्पन्न ब्याज को यूक्रेन को 140 अरब यूरो का ब्याज-मुक्त "मुआवजा ऋण" प्रदान करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इस योजना के तहत, यूक्रेन को ऋण की वापसी केवल तभी करनी होगी जब रूस युद्ध मुआवजे के रूप में भुगतान करेगा; अन्यथा संपत्तियां फ्रीज रहेंगी।

यह प्रस्ताव डेनमार्क में ईयू नेताओं की बैठक के दौरान चर्चा में आया, जहां फिनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब ने इसे "अभूतपूर्व" करार दिया, जबकि बेल्जियम ने चिंता जताई कि इससे संपत्तियों की दीर्घकालिक मूल्यहानि हो सकती है। ईयू आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा, "यह योजना यूक्रेन को तत्काल सहायता प्रदान करेगी, और रूस को मुआवजा देने पर ही इसे वापस करना होगा।" हालांकि, यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने चेतावनी दी है कि संपत्तियों को सीधे जब्त करना यूरो मुद्रा की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचा सकता है।

रूस का पलटवार

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, रूस सरकार के करीबी एक सूत्र ने बताया कि मॉस्को ने एक नया डिक्री तैयार किया है, जो विदेशी कंपनियों और व्यक्तियों की रूस में स्थित संपत्तियों को राष्ट्रीयकरण करने और जल्दी बेचने की अनुमति देगा। क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने गुरुवार को कहा, “अगर संपत्ति जब्त की जाती है, तो इसका जवाब दिया जाएगा।” उन्होंने EU की योजना को “गैरकानूनी जब्ती और चोरी” करार दिया। EU का कहना है कि उसकी योजना वास्तविक जब्ती नहीं होगी और भविष्य में रूस को अपने दावे करने का अवसर मिलेगा, बशर्ते मॉस्को यूक्रेन को युद्ध से हुए नुकसान का मुआवजा देने पर सहमत हो।

नए आदेश की प्रमुख बातें

पुतिन के आदेश में कहा गया है कि पूर्व-बिक्री मूल्यांकन की समयसीमा सिर्फ 10 दिन होगी। सरकारी बैंक प्रोमस्व्याजबैंक को ऐसे सौदों को संभालने की जिम्मेदारी दी गई है। रूसी सरकार के दस्तावेज के अनुसार, ये बदलाव सीधे तौर पर पश्चिमी प्रतिबंधों के जवाब में किए गए हैं।

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विदेशी कंपनियों पर असर

विश्लेषकों के अनुसार, रूस के पास अभी भी सैकड़ों पश्चिमी कंपनियां सक्रिय हैं, जैसे यूनिक्रेड, राइफाइजन बैंक, पेप्सिको और मोंडेलेज इंटरनेशनल। इनकी संपत्तियां जोखिम में हैं, हालांकि कई कंपनियां युद्ध के बाद रूस से बाहर चली गईं, और रूस ने उनकी संपत्तियां पहले ही जब्त कर ली हैं। एक अनुमान के मुताबिक, पश्चिमी संपत्तियों का मूल्य सैकड़ों मिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सितंबर में चेतावनी दी थी कि ऐसी कार्रवाइयां "अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सिद्धांतों को नष्ट" कर देंगी और वैश्विक अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचाएंगी।

रूस में संपत्ति जब्ती का बढ़ता चलन

2022 से अब तक रूस में विभिन्न जब्त की गई संपत्तियों का मूल्य 3.9 ट्रिलियन रूबल (करीब 48 अरब डॉलर) आंका गया है। अक्सर यह संपत्तियां सरकार द्वारा नए मालिकों को रियायती दरों पर बेची जाती हैं ताकि बजट में अतिरिक्त धन जुटाया जा सके। हालांकि रूस ने अभी तक विदेशी कॉर्पोरेट संपत्तियों का सीधा राष्ट्रीयकरण नहीं किया था। अब तक वह अस्थायी प्रबंधन के जरिए पसंदीदा खरीदारों को कंपनियां सौंपता रहा है। लेकिन पुतिन के नए आदेश के बाद यह प्रक्रिया तेज और व्यापक हो सकती है।

Amit Kumar

लेखक के बारे में

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अमित कुमार एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया इंडस्ट्री में नौ वर्षों से अधिक का अनुभव है। वर्तमान में वह लाइव हिन्दुस्तान में डिप्टी चीफ कंटेंट प्रोड्यूसर के रूप में कार्यरत हैं। हिन्दुस्तान डिजिटल के साथ जुड़ने से पहले अमित ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में काम किया है। अमित ने अपने करियर की शुरुआत अमर उजाला (डिजिटल) से की। इसके अलावा उन्होंने वन इंडिया, इंडिया टीवी और जी न्यूज जैसे मीडिया हाउस में काम किया है, जहां उन्होंने न्यूज रिपोर्टिंग व कंटेंट क्रिएशन में अपनी स्किल्स को निखारा। अमित ने भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC), दिल्ली से हिंदी जर्नलिज्म में पीजी डिप्लोमा और गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी, हिसार से मास कम्युनिकेशन में मास्टर (MA) किया है। अपने पूरे करियर के दौरान, अमित ने डिजिटल मीडिया में विभिन्न बीट्स पर काम किया है। अमित की एक्सपर्टीज पॉलिटिक्स, इंटरनेशनल, स्पोर्ट्स जर्नलिज्म, इंटरनेट रिपोर्टिंग और मल्टीमीडिया स्टोरीटेलिंग सहित विभिन्न क्षेत्रों में फैली हुई है। अमित नई मीडिया तकनीकों और पत्रकारिता पर उनके प्रभाव को लेकर काफी जुनूनी हैं। और पढ़ें

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