
तेल की कमी से जूझ रहा रूस? रिफाइनरियों पर हमलों के बाद निर्यात पर लगाया बैन
संक्षेप: Russia Ukrain war update: रूस और यूक्रेन युद्ध की वजह से रूस की तेल रिफाइनरियों को भारी नुकसान पहुंचा है। रूस ने अपनी घरेलू डिमांड को पूरा करने के लिए तेल के निर्यात पर बैन लगा दिया था। अब उसने इस बैन को साल के अंत तक के लिए बढ़ा दिया है।
रूस और यूक्रेन के युद्ध में लगातार नए मोड़ आते जा रहे हैं। इस युद्ध के पहले यूरोप को ऊर्जा का एक बड़ा हिस्सा भेजने वाला रूस अब अपनी घरेलू मांग को पूरा करने के लिए डीजल और पेट्रोल पर बैन लगाने पर आ गया है। गुरुवार को रूस की तरफ से कहा गया कि वह पेट्रोल और डीजल निर्यात पर लगे बैन को और बढाएगा। इसके तहत वह इस इस साल के अंत तक रिफाइन डीजल और पेट्रोल का निर्यात नहीं करेगा। दरअसल, यूक्रेन की तरफ से किए गए ड्रोन हमलों में रूस की कई रिफाइनरियों को भारी नुकसान पहुंचा था, जिसकी वजह से घरेलू स्तर पर तेल की कीमतें बढ़ गई थीं।
इस युद्ध के दौरान शुरू से ही यूक्रेन, रूस की आर्थिक कमर को तोड़ने की कोशिश में लगा हुआ है। इसी क्रम में वह लगातार रूसी रिफाइनरियों को निशाना बना रहा है। इन हमलों में रूस की कई रिफाइनरियों की उत्पादन क्षमता या तो बहुत कम हो गई है या फिर बिलकुल ठप्प ही हो गई है। इसकी वजह से घरेलू डिमांड और सप्लाई में काफी अंतर आया है। घरेलू मांग को सुनिश्चित करने के लिए रूस ने मार्च में ही यह प्रतिबंध लगा दिया था। सितंबर में भी हालात सामान्य न होने पर रूस ने अब इस प्रतिबंध को इस साल के अंत तक के लिए बढ़ा दिया है।
रूसी सरकारी एजेंसी ताश ने उप-प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर नोवाल के हवाले से कहा, "हम निकट भविष्य में पेट्रोल और डीजल के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को इस वर्ष के अंत तक के लिए बढ़ा रहे हैं। यह केवल बड़े निर्यातकर्ताओं के लिए नहीं है, बल्कि सरकार जल्दी ही खुदरा विक्रेताओं और व्यापारियों के लिए डीजल ईंधन के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगाएगी।"
रूसी अखबार इजवेस्टिया ने बताया कि रूस में डीजल और पेट्रोल की काफी कमी देखने को मिल रही है। डिमांड और सप्लाई में बढ़ती दूरी को देखते हुए कई पेट्रोल पंप्स ने इसको स्टॉक में रखना भी शुरू कर दिया है। एक और आउटलेट के मुताबिक क्रीमिया में हालात ज्यादा खराब हैं, यहां लगभग आधे से ज्यादा पेट्रोल पंप बंद कर दिए गए हैं। क्रीमिया क्षेत्र के प्रमुख सर्गेई अक्सयोनोव ने बताया कि पेट्रोल और गैसोलीन की कमी की सबसे बड़ी वजह कुछ रिफाइनरियों का बंद हो जाना है। सरकार द्वारा लगाया गया यह बैन रि सेलर्स के ऊपर लगाया गया है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में भी रूस में पेट्रोल पंप की कमी को देखा जा सकता है। टेलीग्राम चैनल क्रीमियन विंड ने बताया कि इस हफ्ते सेवस्तोपोल में पेट्रोल पूरी तरह से खत्म हो गया था, टैंकर पहुँचने के कुछ ही घंटों में खाली हो गए। पिछले महीने की तुलना में कीमतों में लगभग एक तिहाई की वृद्धि हुई है। आपको बता दें रूस दुनिया के सबसे बड़े डीजल ईंधन उत्पादकों में से एक है और ऊर्जा निर्यात राज्य के राजस्व का एक प्रमुख स्रोत है। रूस ने 2024 में करीब 86 मिलियन मीट्रिक टन डीजल का उत्पादन किया था। इसमें से करीब 31 मिलियन टन का निर्यात किया गया था।

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Upendra Thapakलेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।




