पाकिस्तान में फिर बवाल की आशंका; इस्लामाबाद और रावलपिंडी में इंटरनेट बंद, TLP वाले आ रहे
पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘कई घंटों तक जारी रही झड़पों में 5 पुलिस कांस्टेबल और टीएलपी के कई कार्यकर्ता घायल हो गए।’ हालांकि, टीएलपी ने दावा किया कि पुलिस के साथ झड़पों में उसके एक कार्यकर्ता की मौत हो गई और 20 घायल हुए हैं।

पाकिस्तान सरकार ने इस्लामाबाद और रावलपिंडी में मोबाइल व इंटरनेट सेवाएं रद्द कर दी हैं। कट्टरपंथी इस्लामवादी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) ने शुक्रवार को 'लब्बैक या अक्सा मिलियन मार्च' बुलाया है। इससे पहले राजधानी के प्रवेश और निकास मार्गों को सील कर दिया गया है। पुलिस टीम और सुरक्षा बलों की ओर से पूरी चौकसी बरती जा रही है।
गुरुवार को लाहौर में सुरक्षा अधिकारियों और कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी के सदस्यों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें कई लोग घायल हो गए। टीएलपी ने इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास के बाहर इजरायल के खिलाफ शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। इसे देखते हुए, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की पुलिस ने इसके प्रमुख साद हुसैन रिजवी को गिरफ्तार करने के लिए लाहौर में टीएलपी मुख्यालय पर छापा मारा। पंजाब पुलिस की कार्रवाई शुरू करने के बाद बुधवार देर रात शहर में हिंसा भड़क उठी।
गुरुवार को हुआ था भारी हंगामा
पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘कई घंटों तक जारी रही झड़पों में 5 पुलिस कांस्टेबल और टीएलपी के कई कार्यकर्ता घायल हो गए।’ हालांकि, टीएलपी ने दावा किया कि पुलिस के साथ झड़पों में उसके एक कार्यकर्ता की मौत हो गई और 20 घायल हुए हैं। अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने टीएलपी प्रमुख के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट की तामील के लिए लाहौर के यतीम खाना स्थित टीएलपी मुख्यालय पर छापा मारा, लेकिन वहां पुलिस को ही हमले का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि गुस्साए टीएलपी कार्यकर्ताओं ने पुलिसकर्मियों पर पत्थराव किया और लोहे की छड़ों से हमला किया।
TLP चीफ को अरेस्ट करने की कोशिश
सीनियर अधिकारी ने कहा, ‘अब तक रिजवी गिरफ्तारी से बच रहा है। टीएलपी मुख्यालय के आसपास बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। इलाके में तनाव व्याप्त है।’ टीएलपी के प्रवक्ता ने कहा, ‘शांतिपूर्ण 'लब्बैक या अक्सा मिलियन मार्च’ को रोकने के लिए मरियम नवाज़ की पंजाब सरकार ने अपमानजनक हथकंडे अपनाए हैं। टीएलपी के निहत्थे कार्यकर्ताओं और अधिकारियों पर अत्याचार तुरंत बंद होना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि पुलिस ने टीएलपी के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है। गाजा में मुसलमानों पर यहूदियों की ओर से अत्याचार किया जा रहा है, जबकि यहां उनके समर्थक मुसलमानों पर अत्याचार कर रहे हैं। फिलिस्तीन के साथ एकजुटता दिखाना पाकिस्तान में अपराध बन गया है।
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