अब जंग के मैदान में 'युद्ध के कुत्ते' उतारेगा यूक्रेन, रूस के लिए बुरी खबर क्यों?
- इन रोबोटिक कुत्तों को विशेष रूप से हाई रिस्क वाले मिशनों जैसे कि टोही और बारूदी सुरंगों का पता लगाने के लिए डिजाइन किया गया है।
रूस के साथ जारी युद्ध के बीच यूक्रेन एक बेहद बड़ी तैयारी में जुटा है। 24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था। तब से दोनों ओर से सैकड़ों सैनिक मारे गए हैं। रूस के मुकाबले बेहद छोटा देश के कारण यूक्रेन को अब मानव संसाधनों की कमी से जूझना पड़ रहा है। यही वजह है कि सैनिकों की कमी के कारण अब यूक्रेन ने युद्ध के कुत्तों को मैदान में उतारने का फैसला किया है।
यूक्रेन अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। इसी क्रम में अब यह यूरोपीय देश अपने फ्रंटलाइन पर रोबोटिक कुत्तों की तैनात करेगा। ये अत्याधुनिक मशीनें हैं जिन्हें "बैड वन" (BAD One) के नाम से जाना जाता है। इन रोबोटिक कुत्तों को विशेष रूप से हाई रिस्क वाले मिशनों जैसे कि टोही और बारूदी सुरंगों का पता लगाने के लिए डिजाइन किया गया है।
रोबोट कुत्तों को टेस्ट किया
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में यूक्रेन ने एक अज्ञात स्थान इन रोबोट कुत्तों को टेस्ट किया था जहां वे बेहद असरदार पाए गए। रिमोट कमांड का जवाब देते हुए, रोबोट खड़ा हुआ, झुका, भागा और कूदा। रोबोट ने अपनी अद्भुत फुर्ती का प्रदर्शन किया। उन्होंने ऐसी क्षमताएं प्रदर्शित कीं जो रूस के साथ चल रहे संघर्ष में अमूल्य साबित हो सकती हैं। यूक्रेन के इस नए तकनीकी कदम को सैन्य विशेषज्ञों द्वारा सकारात्मक रूप से देखा जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब देश को मानव संसाधनों की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
थर्मल इमेजिंग से लैस
ये कुत्ते जमीन से नीचे और थर्मल इमेजिंग से लैस हैं। इसके अलावा, ये दुश्मन की खाइयों और इमारतों का निरीक्षण करने में माहिर हैं, घुसपैठ के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं। यहां खास बात ये है कि रोबोट बिना कोई आवाज किए चुपके से मिशन को अंजाम दे सकते हैं।
इन डॉग्स को ऑपरेट करने वाले एक ऑपरेटर ने बताया, "हमारे पास निगरानी सैनिक हैं जिन्हें टोही मिशनों पर भेजा जाता है (जो) अधिकांशतः बहुत उच्च प्रशिक्षित, बहुत अनुभवी लोग होते हैं (और) हमेशा जोखिम में रहते हैं।" इस ऑपरेटर का नाम "यूरी" है और एक ब्रिटिश सैन्य उपकरण फर्म के लिए काम करता है। उन्होंने कहा, "यह कुत्ता सैनिकों के लिए जोखिम को सीमित करता है और परिचालन क्षमताओं को बढ़ाता है। यह कुत्ते का मुख्य कार्य है।" "बैड वन" के अलावा, इन कुत्तों का एक एडवांस मॉडल भी है जिसे "बैड टू" कहते हैं। वर्तमान में इस मॉडल की बैटरी लाइफ लगभग दो घंटे है।
रोबोटों की सटीक संख्या गोपनीय
"बैड वन" अपने निगरानी कार्यों के अलावा, युद्ध के मैदान में महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सात किलोग्राम तक गोला-बारूद या चिकित्सा आपूर्ति ले जा सकता है। यूरी ने बताया किया कि यूक्रेन में तैनात रोबोटों की सटीक संख्या गोपनीय है, लेकिन उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी उपस्थिति सैन्य अभियानों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करेगी और सैनिकों की सुरक्षा को बढ़ाएगी। इसके अलावा, अगर रोबोट दुश्मन के हाथों में पड़ जाएं, तो एक आपातकालीन स्विच ऑपरेटरों को सभी डेटा डिलीट की अनुमति देता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि संवेदनशील जानकारी सुरक्षित रहे।
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